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________________ आगमों में प्राणीवाचक शब्द भगवती, प्रज्ञापना, जीवाजीवाभिगम प्रश्नव्याकरण, उत्तराध्ययन आदि आगमों में प्राणी वाचक शब्दों की लम्बी तालिकाएं प्राप्त होती हैं। प्रज्ञापना में इन्द्रियों के आधार पर इनका वर्गीकरण इस प्रकार है प्राणी जगत द्वीन्द्रिय प्राणी मच्छ कच्छप ग्राह चतुष्पद स्थलचर त्रीन्द्रिय प्राणी साइक्लोस्टोमैटा जलचर प्राणी Jain Education International मकर सुंसुमार प्रोटोजोन पोरीफेरा (एक कोशिकीय प्राणी) (शरीर में छोटे-छोटे छिद्र वाले प्राणी) मत्स्य आदि इलैस्मोकाई (viii) सीलनटा स्थलचर प्राणी एक खुर वाले प्राणी द्वि खुर वाले प्राणी iड़ीपद वाले प्राणी सनखपद वाले प्राणी उरपरिसर्प भुजपरिसर्प जीव वैज्ञानिकों ने जन्तु जगत को उनकी समानताओं और असमानताओं के आधार पर अलग-अलग समूहों में बांटा है। उनके अनुसार जीवों (प्राणियों) का वर्गीकरण इस प्रकार है प्राणी जगत ऑस्टिक्थीस चतुरिन्द्रिय प्राणी किलोनिया स्क्वैमेटा आर्थोपोडा मोलस्को इनोइनोडर्मेटा (बिच्छू कनखजूरा (शंख आदि) (तारा मछली आदि) आदि) चर्म पक्षी रोम पक्षी समुद्र पक्षी वितत पक्षी टेट्रापोड़ा उभयचर पंचेन्द्रियं प्राणी खेचर प्राणी क्राकौडिलिया For Private & Personal Use Only परिसर्प स्थलचर कार्डेटा वर्टीब्रेटा सरीसृप पक्षी स्तनपायी प्रोटोथीरिया मेटाथीरिया यूथोरिया www.jainelibrary.org
SR No.016052
Book TitleJain Agam Prani kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVirendramuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages136
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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