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देशी शब्दकोश
डोअण-लोचन (दे ४६)। डोंगर--१ छोटी पहाड़ी (जंबू २।१३१) । २ ढेर, टीला-'छारेण डोंगरा
__कता' (आवचू १ पृ २२३) । ३ पर्वत (ओटी प २०)। डोंगिली-१ ताम्बूल का भाजन-विशेष (दे ४११२) । २ पान बेचने वाली
स्त्री (व)। डोंगी-१ स्थासक-कुंकुम आदि से लिप्त हथेली का छापा। २ पान रखने
___का पात्र-विशेष, पानदानी (दे ४।१३)। डोंडिणी-ब्राह्मणी (आवहाटी १ पृ ३७)। डोंब-१ चाण्डाल, डोम (प्र ११२१) । २ महावत (बृभा ४१२४) ।
देश-विशेष (प्रज्ञा ११८६)। ४ पटह बजाने वाला-'कि कोइ डोंब
डिभो पडहयसहस्स उत्तसइ' (कु पृ ३८) । डोंबिल-डोम, चाण्डाल (जीभा ४२५) । डोंबिलग-१ एक अनार्य-जाति । २ म्लेच्छ देश-विशेष (प्रज्ञा ११८६)। डोंबिल्लिय-अनार्य जाति का नृत्य, वादन आदि (कु पृ १५०) । डोंबी-कर्ण पिशाचिनी, चांडाली (पंवटी प २३२)। डोड -ब्राह्मण (उसुटी प ५८) । डोडकित-वनस्पति की वह अवस्था जिसमें अनाज के 'डोडे' उत्पन्न हो
गये हों (ज्ञाटी प १२५) । डोडिणी-ब्राह्मणी (अनुद्वा ९८)। डोडग-आक का डोडा-'अक्कडोडगाइ तूलभरिया वा तूली'
(निचू ३ पृ ३२१)। डोडिनी-ब्राह्मणी (स्थाटी प १४४)। डोतीय-बड़ा चम्मच (जीभा १२११)। डोभ--गोत्र-विशेष (अंवि पृ १५०) । डोल-१ चतुरिन्द्रिय जीव-विशेष, टिड्डी (उ ३६।१४७)। २ फल-विशेष,
मधूक (प्रसा २१६) । ३ अक्षिगोलक-'बेवि अक्खिडोलए पाडेति'
(आचू पृ २२६) । ४ आंख (दे ४१६) । डोला-१ शिविका (दे ४१११) । २ हिंडोला, झूला (१r ७४१)।
__ ३ टिड्डी-'डोलाः तिडका उच्यन्ते' (बटी पृ ६७५) । डोलिअ-काला हिरण (दे ४।१२) । डोलिका-बैठने की डोली (जंबूटी प १२३)। डोव-१ म्लेच्छ जाति (निचू १ पृ १०३) । २ कड़छी (आवटि प ६१) ।
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