________________
देशी शब्दकोश
२०७
डिक्क-बालक (आवचू १ पृ ४६९) । डिक्कर-पुत्र (आवहाटी १ पृ ६२) । डीकरो (गुज) । डिक्करिका-छोटी कन्या (आटी प ४१३) । डीकरी (गुज) । डिक्करका-लड़की (आवचू २ पृ २६०) । डिक्करूव-बालक-'एए पव्व इया डिक्करूवाणि घेत्तुं मारेंति'
(उसुटी प २०५)। डिडुर-मेंढक (दे ४।६) । डिड्डुर-मेंढक (दे ४।६ ) । डिप्फर-आसन-विशेष-डिप्फरो पीढफलक सत्थियं तलियं ति वा ।
(संवि पृ ६५) । डिलय-शाखा-'डिलयम्मि ओलइया' (जीभा ५३८)। डोण-अवतीर्ण (आचू पृ ८५; दे ४११०)। डीणोवय-ऊपर (दे ४११०) । डोर-नया अंकुर, कन्दल (दे ४।१०)। डुंग-१ शिलाओं का उपचय । २ चोरों का समुदाय-'डुंगानि शिलावृन्दानि
चोरवृन्दानि वा' (जंबूटी प १६८) । डुंगर–१ छोटी पहाड़ी । २ चोरों की बस्ती (जंबूटी प १६८) । ३ पर्वत
(दे ४।११)। डंघ-नारियल का बना पात्र जो पानी निकालने के काम आता है
(दे ४१११)। डुंडुअ-१ पुराना घण्टा (दे ४१११) । २ बडा घंटा। उंब-१ महावत (पिनि ३८७) । २ चाण्डाल (सूचू २ पृ ३५७; दे ४।११)। कुंबिय-चांडाल (निचू २ पृ २६६) । डुपक-नाव (अंवि पृ ७६)। उप–१ गहरा-'डेपकूपे प्रतिबिम्बं मरुकूपसदृशमतीवोण्डं कूपं दृष्वेत्यर्थः'। ।
२ प्रतिक्षेपण, गिराना (व्यभा ४।३ टी प ६)। डेपन-लंघन, अतिक्रमण (व्यभा ४।३ टी ६) । डेरग–छोटा, लघु (आवहाटी १ पृ २७०)। डेवण-कूदना-फांदना-'डेवणं गत्तवरंडाई फडणं' (जीविप पृ ३४)। डेवेमाण-प्लवमान (भ १३।१५५)। डोअ-दाल-शाक आदि परोसने की काष्ठ-निर्मित बड़ी कडछी
(नंदी ३८१६; दे ४।११) । डोयो (गुज)।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org