________________
देशी शब्दकोश
उल्लाय-पाद-प्रहार (तंदु १६२) । उल्लायक-कर्माजीवी (अंवि' पृ ६०)। उल्लिअ-१ खींचा हुआ, छीला हुआ-'उल्लिओ फालिओ गहिओ मारिओ य
अणंतसो' (उ १६६४) । २ उपागत (कु पृ १६१) । उल्ली-काई, शैवाल-'पणओ उल्ली' (निचू २ पृ १९७) । २ दांत पर
जमनेवाली पपड़ी-'उल्ली दंतेसु दुग्गंधा' (आव २ पृ ७२)।
३ चुल्हा,चुल्ली (दे ११८७) । उल्लुंटिअ--चूणित, चूरा-चूरा किया हुआ (दे १।१०६) । उल्लुक्क-त्रुटित, टूटा हुआ (दे ११६२)। उल्लुग-विकृत, त्रुटित (प्रटी प २२) । उल्लुट्ट-मिथ्या (दे ११८६) । उल्लुरुह-छोटा शंख (दे १११०५) । उल्लूड-विध्वंस (व्यभा ५ टी प ७)। उल्लडित-विध्वंसित, नष्ट (व्यभा ५ टी प ७)। उल्लूढ-१ आरूढ़ (दे १।१००) । २ अंकुरित (वृ)। उल्लूरधूविता-खाद्य-पदार्थ-विशेष (अंवि पृ ७१) । उल्लूरिया-मिठाई (उसुटी प ८६) । उल्लह-शुष्क, सूखा--'उल्लूहं च नलवणं हरियं जायं' (ओटी प ३५६) । उल्लेव-हास्य, हंसी (दे १११०२) । उल्लेवअ--हंसी, हास्य (दे १।१०२ वृ)। उल्लेहड-लम्पट, लुब्ध (दे ११०४) । उल्लोइय-खड़ी आदि से भींत को पोतना (जंबू ११३७) । उल्लोग-थोड़ा, अल्प (बृभा १६०५) । उल्लोच-वितान, चंदोवा (दे ११६८)। उल्लोट्ट-अपवर्तन, मुडना (प्रटी प ८६)। उल्लोपिक-भोज्य-पदार्थ-विशेष (अंवि पृ १८२)। उल्लोय-चंदोवा, वितान (बृभा ५६८१) । उल्लोल-१ शत्रु (ति ८८५; दे ११६६)। २ जलतरंग (पा ५६)।
३ कोलाहल । उल्लोहित-पुता हुआ-'उल्लोहितं उव्वलितं तधा उच्छाडितं ति वा'
(अंवि पृ १०६)।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org