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गिरा-गोबर
परिशिष्ट १ : १६५
गिरा गिरा गिरि गिरिक गिरिराय
गिलाण
गिल्लिरी गिल्ली
गिह
गिह
गिह
गीतार्थ गीय गुज्झ
गृहीत
गुण
गुण
. (पृ ५४) गुरुक
(वक्क) गुरुक
(णग) गुलमग (पासाण) गुलोवलदीय
(मंदर) ग्रहण (वाहिय) ग्रहण (तिसरा) गृहण (थिल्लो) गृहण (आगार) गृद्ध (गाहा) गृद्धिमन्त (लयण) गृहिपर्याय
(बुद्ध) गृहीत (पृ ५४) गृहीत (अबंभ) (पृ ५४)
गृह्णाति (पृ ५४) गृह्णाति (पज्जव) गेण्हिति
(पर्याय) (जावंताव) गेहि (परियट्टण) (सोलमंत) गेहि (पाणवह) (ऊहित) (आगत) गोउल
(णाय) गोखीर (पृ ५४)
गोचर (दंतप्प)
गोज्झक (पालित)
गोज्झकपति (समण)
गोणस (धुवक) गोधिका (अहिंसा) गोबर
(कृत्स्न ) (पृ ५४) (अरंजर) (पृ ५४) (णिहण)
(पृ ५४) (मोहणिज्जकम्म)
(माया)
(सक्त) (मूच्छित) (पृ ५५) (उद्धृत) (उवचार)
(बद्ध) (पृ ५४) (शृणोति) (आदियति) (पृ ५५)
(छंद)
(तण्हा) (मोहणिज्जकम्म)
(लोभ) (वक्क) (घोस) (संख) (प्राप्ति) (पृ ५५) (गोज्झक) (पृ ५५) (पृ ५५) (पृ ५५)
गुण गुण
गेहि
गेहि
गुणकार गुणण गुणमंत गुणविराहणा
गेहि
गुणित
गुणिय गुणिय गुणेति गुत्त
गुत्त
गुत्त गुत्तणाम गुत्ति
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