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१९४ : परिशिष्ट १
मय-गिद्धि
वाय
गव्व
गय
गय
३ ४ ३ ३ वू ३ ३ ३ ३ ३ ३ ।
गय गयतेय गरहणा गरहति गरहिज्जमाणी गरहित गरिहति गरिहा गरिहा गरिहिज्जइ गरुलक गर्व गहित गलइ गलत गलन गलि गलि गलि गलियकंटय गलिवद्द गवेषणा गवेसण गवेसणा गवसणा गवेसणा गवेसि गवेसिय
(पृ ५३) (विचल) गव्व
(णाय) गहण (मातंग) गहण (हयतेय) गहण (होलणा) गहण (कुच्छति) गहण
गहणपगार (पृ ५३) गहणा (होलेति) (आलोयणा) गहिय? (पडिकमण) गाढ (आलोइज्जइ) गाढलीण
(तिरीड) गाढलीण (माण) गाढीकय (अवद्य) गाढोपगूढ (सडइ) गाढोपगूढ (चंचल) गामधम्मतत्ति (पृ ५३) गाय
(गंडि) गार्थ्य (खलुंक) गाल (तंडि)
गाह (ओहयकंटय) गाहा
(दुग्गव) गिज्झइ (ईहा) गिझिय
गिण्हाति (आभिणिबोहिय) गिद्ध
(आभोग) गिद्ध (एसणा) गिद्ध
(अत्थि) गिद्धि (अन्विष्ट) गिद्धि
(माण) (मोहणिज्जकम्म)
(पृ ५३) (अलिय) (एसणा)
(माया) (मोहणिज्जकम्म)
(माण) (गहण)
(बद्ध) (लट्ट) (लोलुग) (अणुपविट्ठ) (अतिगत)
(पृ ५३) (अणुपविट्ठ) (अतिगत) (अबंभ) (राग) (लोभ) (गलन) (चिट्ट) (पृ ५४) (सज्जा ) (सज्जिय) (मिणति) (५४) (मुच्छिय)
(लोलुय) (परिज्झा) (मुच्छा )
३ ३ ३ ३
* ३ ३ ३
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