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अनुमान
हाथी,
सींग से भैंस, शिखा से कुक्कुट, विषाण से दंष्ट्रा से वराह, पिच्छ से मोर, खुर से घोड़ा, नख से व्याघ्र, बाल- गुच्छ से चमरी गाय, द्विपद से मनुष्य आदि, चतुष्पद से गाय आदि, बहुपद से कनखजूरा आदि, पूंछ से बंदर, अयाल से सिंह, ककुद् से बैल और क्लय वाली भुजा से महिला का अनुमान किया जाता
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" कवच आदि हथियारों के बंधन से योद्धा, घघरी से विवाहित स्त्री, एक चावल सिक्थ से द्रोण-पाक और एक गाथा से कवि जाना जाता है । "
आश्रय से आश्रयी का अनुमान
आसएणं-- अग्ग धूमेणं, सलिलं बलागाहिं, वुट्टि अब्भविकारेणं, कुलपुत्तं सीलसमायारेणं ।
इङ्गिता कारितैज्ञेयै:, नेत्रवक्त्रविकारैश्च,
धूम से अग्नि, बलाका से पानी, अभ्रविकार से वर्षा और शीलसमाचरण से कुलपुत्र का अनुमान किया जाता हैं ।
सामान्यदृष्ट अनुमान
क्रियाभिर्भाषितेन च । गृह्यतेऽन्तर्गतं मनः ॥
इंगित और आकाररूप ज्ञेय क्रिया, वचन, नेत्र और मुख के विकार से अन्तर्गत मन का ग्रहण किया जाता है । ५. दृष्टसाधर्म्यवत् अनुमान के प्रकार
दिसाहम्मवं दुविहं पण्णत्तं तं जहा - सामन्नदिट्ठ च विसेसदिट्ठे च ।
( अनु ५२७ )
दृष्टसाधर्म्यंवत् के दो प्रकार - सामान्यदृष्ट और
विशेषदृष्ट |
( अनु ५२६ )
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सामन्नदिट्ठ-जहा एगो पुरिसो
तहा बहवे पुरिसा,
जहा बहवे पुरिसा तहा एगो पुरिसो ।
( अनु ५२८ ) जैसे अनेक
जैसे एक पुरुष है, वैसे अनेक पुरुष हैं। पुरुष हैं, वैसे एक पुरुष है - यह सामान्यदृष्ट अनुमान है ।
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विशेषदृष्ट अनुमान
विसेसदिट्ठ -- से जहानामए केइ पुरिसे बहूणं पुरिसाणं मज्भे पुण्वदिट्ठे पुरिसं पच्चभिजाणेज्जा - अयं से पुरिसे।'''' ( अनु ५२९ ) - जैसे कोई पुरुष अनेक पुरुषों के बीच उपस्थित पूर्वदृष्ट पुरुष को पहचान लेता है 'यह वह पुरुष है' यह विशेषदृष्ट अनुमान है ।
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६. अनुमान के प्रकार - सादृश्य आदि सारिक्ख-विवक्खोभय-मुवमा-गममेव सव्वमणुमाणं । ( विभा ४७० )
एक मान्यता के अनुसार अनुमान के ये पांच प्रकार
हैं
१. सादृश्य-सदृश आकृति को देखकर परिचित व्यक्ति की स्मृति होना ।
२. विपक्ष - सर्प को देखकर उसके प्रतिपक्षी नकुल की स्मृति होना ।
३. उभय - वेग के आधार पर अश्व और खर की स्मृति होना ।
४. उपमान - गौ को देखकर गवय की स्मृति होना । ५. आगम - आगम के आधार पर स्वर्ग-नरक आदि गतियों का ज्ञान होना ।
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अनुयोग – सूत्र के अनुरूप अर्थ की योजना ।
१. अनुयोग
० निर्वाचन और परिभाषा
• पर्याय: भाषा-विभाषा-वातिक
• चार दृष्टियां
० निक्षेप
२. अनुयोग के प्रवेशद्वार
० उपक्रम
* निक्षेप
• अनुगम
* नय
० उपक्रम - नय के क्रम का प्रयोजन
३. उपक्रम / उपोद्घात
० परिभाषा
० प्रकार
* आनुपूर्वी
० नाम
* प्रमाण
० वक्तव्यता
• अर्थाधिकार
• समवतार
४. अनुगम
अनुयोग
० परिभाषा
० प्रकार
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( द्र. निक्षेप)
( द्र. नय)
( द्र. आनुपूर्वी)
( द्र. प्रमाण )
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