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जैन आगम : वनस्पति कोश
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अन्य भाषाओं में नाम
पक्षहीन या अल्प किनारेदार तथा छोटा होता है। फूल ___हि०-बिजोरानींबु, तुरंज। बं०-टाबालेबु, सफेद आते हैं। फल लंबाई युक्त गोल, ४ से ६ इंच व्यास छोलोंगनेबु, वेगपूर। म०-महालुङ्ग। गु०-बिजोरू। में और नोकदार-सा होता है। इसका छिलका मोटा, क०-मादळ । ता०-मादलम् । ते०-लुंगमु, मादिफलमु खुरदरा, उभारदार एवं पकने पर पीले रंग का होता है। फा०-तुरंज, तरंज। अ०-ऊत्तरंज, उतरज। इसकी गुद्दी हलकी पीली, अल्प, साधारण अम्ल या अंo-Citron (सिट्रोन) ले०-Citrus medica Linn मधुराभ किन्तु स्वादहीन होती है। (साइट्रस मेडिका), Fam. Rutaceae (रूटेसी)।
(भाव०नि० आम्रादिफल वर्ग पृ० ५६३)
CITRUS MERICA, LINN.
माउलिंगी माउलिंगी (मातुलिङ्गी) चकोतरा (प० १/३७/१) मातुलुङ्गी-स्त्री, मधुकर्कटी।
(आयुर्वेदीय शब्द कोश पृ० १०७६) मातुलुङ्गा |स्त्री। मधुकर्कटी। चकोतरा।
(शालिग्रामौषधशब्दसागर पृ० १३७)
ACCAM
CITRUS DE CUMANA LINN
फाल काट
शारत
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TRO
फलका
उत्पत्ति स्थान-इसके वृक्ष छोटे, करीब 10 फीट ऊंचे होते हैं और वाटिकाओं में लगाये जाते हैं। चटगांव तथा सिताकुंड, खासिया एवं गारो पहाड़ों पर तथा कुमाऊं में सरजू के किनारे वह वन्य भी पाया जाता है।
विवरण-इसके वृक्ष छोटे, करीब १० फीट ऊंचे होते हैं । शाखाएं मोटी, छोटी, कंटीली एवं इतस्ततः फैली होती है। इसके पत्ते नींबु के पत्ते के आकार वाले परन्तु लंबाई चौड़ाई में उनसे बड़े होते हैं। इस प्रजाति में वृन्त प्रायः पक्षयुक्त हुआ करता है किन्तु इस जाति में यह
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