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जैन आगम : वनस्पति कोश
पाची के पर्यायवाची नाम
वृन्त से युक्त होते हैं। पुष्प बहुत छोटे तथा तुलसी की पाची मरकतपत्री हरितलता हरितपत्रिका पत्री तरह गुच्छों में आते हैं। यह क्षुप बहुत सुगंधित होता है।
टा गारुत्मतपत्रिका चैव ।।१६३|| इनके पत्तों का उपयोग औषध में किया जाता है। रेशमी पाची, मरकतपत्री, हरितलता, हरितपत्रिका, पत्री, तथा ऊनी वस्त्रों में कीड़े न लगे इसलिए उनमें इसके सुरभि, मल्लारिष्टा, गारुत्मतपत्रिका ये सब पाची के नाम पत्ते रखे जाते हैं। (भाव०नि० कर्पूरादिवर्ग०पृ०२६६)
हैं।
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(राज०नि०१०/१६३ पृ०३३०) अन्य भाषाओं में नाम
हि०-पाचोली। बं०-पाटचोली, पाचपट । गु०-सुगंधीपानडी। म०-पाचि। कोंक-माली। ले०-Pogostemonpatchouli Hook (पोगोस्टेमॉनफ पाचौली हुक) Fam Labiatae (लेबिएटी)।
पाडला पाडला (पाटला) पाढल भ०२२/४ प०१/३७/५ पाटला के पर्यायवाची नाम
पाटला पाटलिः कामदूतिका कृष्णवृन्तिका ।।३४।। वसन्तदूती कुम्भीका, स्थाल्यामोघाम्बुवासिनी। कुम्भी पुष्पी कृष्णवृन्तकुसुमा ताम्रपुष्पिका ।।३५ ।।
पाटला, पाटलि, कामदूतिका, कृष्णवृन्तिका, वसन्तदूती, कुम्भीका, स्थाल्या, अमोघा, अम्बुवासिनी, कुम्भी, पुष्पी, कृष्णवृन्तकुसुमा और ताम्रपुष्पिका ये पर्याय पाटला के हैं। (कैयदेव०नि० ओषधिवर्ग०पृ०१०)
देखें पाडलि शब्द।
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पाडलि पाडलि (पाटलि) पाढल रा०३० जीवा०३/२८३ पाटलि के पर्यायवाची नाम
पाटला पाटलिः कामदूतिका कृष्णवृन्तिका ।।३४।। वसन्तदूती कुम्भीका स्थाल्यामोघाम्बुवासिनी।। कुम्भीपुष्पी कृष्णवृन्तकुसुमा ताम्रपुष्पिका ।।३५ ।।
पाटला, पाटलि, कामदूतिका, कृष्णवृन्तिका, वसन्तदूती, कुम्भीका स्थाल्या, अमोघा, अम्बुवासिनी, कुम्भीपुष्पी कृष्णवृन्तकुसुमा और ताम्रपुष्पिका ये पर्याय पाटला के हैं। (कैयदेव०नि०ओषधि वर्ग पृ०१०) अन्य भाषाओं में नाम
हि०-पाढ़ल, पाडर, पारल। बं०-पारुलगाछ । म०-पाड़ल। गु०-पाड़ल। क०-हुडै। उ०-बोरो, पाटुली। प०-पाढ़ल, पाड़ल। कोल०-कंडियोर । सन्ता०-पपरी, पडेर। ने०-परैर। लि०-सिगियन । गोंड०-उन्तकार, पड़र। मील०-पन, डन। मा०-पाडल, पडियालु। ले०-Stereo spermum
पनडी पोली। उत्पत्ति स्थान-यह जंगलों में होता है तथा इसकी उपज भी की जाती है।
विवरण-इसका स्वावलम्बी अनेक शाखायुक्त क्षुप कोंकण में प्रसिद्ध है। उपज से इसकी आकृति में परिवर्तन हो जाता है। पत्ते अंडाकृति दन्तुर तथा लम्बे
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