________________
174
पंचगुलिया
पंचगुलिया (पञ्चाङ्गुलिका) तक्रा । प० १/४०/१ पञ्चाङ्गुली | स्त्रीतक्राक्षुपे । (वैद्यक शब्द सिंधु पृ० ६३० ) पञ्चाङ्गुली के पर्यायवाची नाम
तक्राह्वा तक्रभक्षा तु, तक्रपर्यायवाचका ।
पञ्चाङ्गुली सिताभा स्यादेषा पञ्चाभिधास्मृता ।।१६१ । । तक्राह्वा, तक्रभक्षा, तक्र के पर्यायवाची शब्द, पञ्चांगुली तथा सिताभा ये सब तक्राह्वा के पांच नाम हैं। (राज० नि० ४ / १६१ पृ० ६४ )
अन्य भाषाओं में नाम
म० - ताका | क० - हिदृणिके ।
....
पक्ककविट्ठ
पक्ककविट्ठ (पक्व कपित्थ) पका हुआ कैथ
उस० ३४ / १३
विमर्श - प्रस्तुत प्रकरण में इस के लिए पके हुए कैथ की उपमा दी गई है।
विवरण- इसमें एक आश्चर्य जनक गुण यह है कि यदि हाथी कैथल के फल को खा जाए . तो इसका गूदा हाथी के पट में रह जाता है और गूदारहित अखंडित फल मल के साथ बाहर निकल आता है। इसके दो भेद होते
। एक में फल छोटे तथा अम्ल होते हैं। दूसरे में फल बड़े तथा मीठे होते हैं। (भाव०नि० आम्रादिफल वर्ग० पृ० ५६६ ) देखें कविट्ट शब्द |
पडोला
पडोला (पटोली) मीठा परवल ५० १/३७ / २: १/४०/१ पटोली के पर्यायवाची नाम
ज्ञेया स्वादुपटोली च पटोली मण्डली च सा पटोली मधुरादिः स्यात् ।।१७५ ।।
स्वादुपटोली, पटोली, मण्डली तथा पटोली ये मधुरपटोली के पर्याय हैं ।
अन्य भाषाओं में नाम
म० - स्वादुपटोल | क० - सिंहपडवल । हि० - भिड्पी डलि । (राज० नि० ७/१७५ पृ० २२१ )
Jain Education International
जैन आगम वनस्पति कोश
विमर्श - पडोला शब्द प्रज्ञापना सूत्र में दो बार आया है । १/३७/२ में गुच्छ वर्ग के अन्तर्गत है और १/४०/१ में वल्ली वर्ग के अन्तर्गत है। दोनों स्थानों में एक समान ही शब्द है । परवल की लता होती है और पुष्प गुच्छों में आते हैं। परवल की दो जातियां होती हैं कटु और मधुर । इसलिए एक स्थान पर कटु परवल और एक स्थान पर मधुर परवल का अर्थ किया जा रहा है।
उत्पत्ति स्थान - यह बंगाल, पंजाब आदि पश्चिम भारत, दक्षिण भारत तथा कुर्ग आदि समशीतोष्ण कटिबन्ध के प्रदेशों में अधिक होती है।
विवरण - मधुर और कटुभेद से इसकी (परवल की) मुख्य दो जातियां हैं। मधुर का प्रायः शाक बनाया जाता है तथा कडुवे का प्रयोग औषधि के कार्य में होता है । (धन्वन्तरि वनौषधि विशेषांक भाग ४ पृ० १६६, २०० )
....
पडोला
पडोला (पटोल) कडवी परवल५० १/३७/२: १/४०/१ पडोल | पुं० स्त्री । (पटोल) लताविशेष ।
For Private & Personal Use Only
( पाइअसद्दमहण्णव पृ० ५२६) विमर्श - प्राकृत में पडोल शब्द पुंलिंग और स्त्री लिंग दोनों में हैं। संस्कृत में उसका रूप पटोल दिया हुआ है ।
www.jainelibrary.org