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जैन आगम वनस्पति कोश
नाडीका के पर्यायवाची नाम
नाडीकं कालशाकं च, श्राद्धशाकं च कालकम् ।। नाडीका, कालशाक, श्राद्धशाक और कालक ये नाडीका के पर्यायवाची नाम हैं।
(भाव०नि० शाकवर्ग० पृ०६६८)
अन्य भाषाओं में नाम
हि० - नरिंचा, नाडी का शाक, तीतापाट । बं०नालिता शाक, चिनल्तेपात, तितपाट, नची । म० - चोंचे, सण | गु० - छंछ, अलवी, नीलानी भाजी । ले० - Corchorus capsularis linn (कोर्कोरस कॅपसुलेरिस ) Fam, Tillaceae (टिलिएसी) ।
उत्पत्ति स्थान - यह गरम प्रदेशों में अधिक उत्पन्न होता है।
विवरण- इसका क्षुप ३ से ४ फीट तक ऊंचा होता है । पत्ते २ से ४ इंच लम्बे, आध से पौन इंच चौड़े, प्रासवत् अथवा आयताकार, लम्बाग्र एवं आरावत् दन्तूर होते हैं । फूल पीले रंग के आते हैं। फल गोलाकार, पांच भागवाले तथा पृष्ठ पर दानेदार होते हैं। बीज ताम्ररंग के होते हैं। इसके कृषित भेद में यह १० से १२ फीट तक ऊंचा रहता है। (भाव०नि० शाकवर्ग० पृ०६६६)
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निंब (निम्ब ) नीम
निम्ब के पर्यायवाची नाम
निम्बो नियमनो नेता, पिचुमंदः सुतिक्तकः । । अरिष्टः सर्वतोभद्रः, प्रभद्रः पारिभद्रकः । २६ ।। निम्ब, नियमन, नेता, पिचुमन्द, सुतिक्तक, अरिष्ट, सर्वतोभद्र, प्रभद्र, पारिभद्रक ये निम्ब के पर्यायवाची नाम हैं।
भ०२२ / २ प ०१ / ३५/१
( धन्व०नि० १/२६ पृ०२५)
अन्य भाषाओं में नाम
हि० - नीम | बं० - निम, निमगाछ । म० - निंब, लिंब, कडूनिंब, बालंतनिंब। गु० - लींबडो लीमडो । पं० - निंब, निम । उरि० - नीमो । ता० - बेप्पु, बेम्बु । ते० - वेप । मल० - आर्यवेप्पू, वेप्पू । क० - बेविनमर ।
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अ०--आजाद दख्तुल हिंद | फा० - नीब । अंo - Neem tree ( नीमट्री) Margosa ( मार्गोसा) Indian lilac (इन्डियन लिलॅक) | ले० - Azadirachta indica. A. Juss (एझाडिरेक्टा इन्छिका ए. जस) Melia azadirachta linn (मेलिआएझाडिरेक्टा लिन० ) Fam, Meliaceae (मेलिएसी) ।
नीम.
उत्पत्ति स्थान- नीम के लगाये वृक्ष इस देश के सभी प्रान्तों में पाये जाते हैं। दक्षिण एवं वर्मा के शुष्क जंगलों में यह जंगली स्वरूप में पाया जाता है ।
विवरण - यह ४० से ५० फीट ऊंचा अनेक शाखा प्रशाखाओं से युक्त सघन और छायादार होता है। छोटी-छोटी टहनियों के अंत में ८ से १५ इंच लम्बे असमपक्षवत् पत्ते रहते हैं। पत्रक संख्या में १४ से १६ विपरीत या एकान्तर टेढे भालाकार, ४ से ५ अंगुल लम्बे, १ से १.५ गुल चौड़े, नुकीले और दन्तुर होते हैं । वसन्त ऋतु में पुराने पत्ते गिर जाते हैं और नवीन पत्ते निकलने के साथ छोटे-छोटे सफेद रंग के सुगंधयुक्त फूलों के गुच्छे लगते हैं। फल करीब १/२ इंच रिवरनी के समान लम्बाई लिये गोल होते हैं। जिसमें एक एक बीज होते हैं। बीजों को निम्बोली कहते हैं । इसकी छाल से एक स्वच्छ चमकीला, अम्बर के वर्ण का गोंद निकलता है। इसकी छाल मूलत्वक्, पत्र, गोंद, फल, बीज, पुष्प, ताड़ी एवं तैल का चकित्सा में व्यवहार किया जाता है। (भाव० नि० गुडूच्यादि वर्ग पृ० ३२६ )
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