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णागलया
णागलया (नागलता) पान की बेल
ओ० ११ जीवा० ३ / २६६ ३ / ५८४० १/४०/३ नागलता | स्त्री | नागवल्ल्याम् । वैद्यकशब्द सिन्धु पृ० ६८ ) नागलता के पर्यायवाची नाम
अथ भवति नागवल्ली ताम्बूली फणिलता च सप्तशिरा पर्णलता फणिवल्ली भुजंगलता भक्ष्यपत्री च । ।२४६ ।। नागवल्ली, ताम्बूली, फणिलता, सप्तशिरा, पर्णलता. फणिवल्ली, भुजंगलता, भक्ष्यपत्री ये नागवल्ली के संस्कृत नाम हैं। (राज० नि० ११ / २४६ पृ०३६० )
पान लला
अन्य भाषाओं में नाम
हि० - पान | बं० - पान | म० - नागवेल, विड्याचेपान । ते० - तमालपाकु । ता० - वेत्तिलै । गु० - नागरबेल | मा०नागरबेल | मला० - वेत्तिल । फा० - तंबोल, बर्गे तम्बोल । अ०- तंबूल । अं०-Betal leaf (बिटल लीफ) । ले० – Piper betle linn (पाइपर वीटल लिन० ) Fam Piperacear
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(पाइपरेसी) ।
उत्पत्ति स्थान - भारतवर्ष, लंका एवं मलयद्वीप के उष्ण एवं आर्द्रप्रदेशों में इसकी खेती की जाती है 1
विवरण- इसकी मूलरोहिणी लता अत्यन्त सुहावनी और कोमल होती है। कांड अर्धकाष्ठमय मजबूत तथा गांठों पर मोटा रहता है। पत्ते पीपल के पत्तों के समान बड़े, चौड़े, अंडाकार कुछ हृदयाकृति, कुछ लंबाग्र, प्रायः ७ शिराओं से युक्त, चिकने, मोटे एवं करीब १ इंच लम्बे पर्णवृन्त से युक्त रहते हैं। पुष्प अवृन्त काण्डज पुष्पव्यूहों में आते हैं। फल करीब दो इंच लम्बे, मांसल, लटकते हुए व्यूहाक्ष में छोटे-छोटे बहुत फल रहते हैं। पान में मनोहर गंध रहती है तथा इसका स्वाद कुछ उष्ण एवं सुगंधयुक्त रहता है।
इसके खेत की जमीन बीच में ऊंची और दोनों किनारे नीची होती है। इसके खेते में पानी नहीं ठहरता । धूप और पाले से बचाव के लिए खेते के चारों ओर फूस की दीवार और छाजनी बना देते हैं। खेते के भीतर क्यारी बनाकर फरहद, जियल इत्यादि की डालियां लगा देते हैं । इन्हीं के सहारे पान की बेल फैलती है । बंगला, सांची, महोबा, महाराजपुरी, विलोआ, कपुरी, फुलवा इत्यादि नामों से इसकी कई जातियां होती हैं । धन्वन्तरिनिघंटु में इसके कृष्ण और शुभ्र ये दो भेद लिखे हैं। राजनिघंटु में श्रीवाटी (सिरिवाडी पान) अम्लवाटी (अंबाडेपण) सतसा (सातसीपर्ण) गुहागरे (अडगरपर्ण) अम्लसरा ( मालव में होने वाला अंगरापर्ण) पटुलिका (आंध्र में होने वाला पोटकुली पर्ण) एवं ह्वेसणीया (समुद्रदेश पर्ण) ये पान के सात भेद लिखे हैं । (भा०नि० गुडूच्यादिवर्ग० पृ०२७२)
जैन आगम वनस्पति कोश
लिए रिवण
णालिएरिवण (नालिकेरीवन) नारियलों का वन जीवा०३/५८१
देखें नालिएर शब्द |
णालीया
णालीया (नाडीका) नाडीशाक
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प०१/४०/१
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