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जैन आगम : वनस्पति कोश
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गच्छों में आते हैं। इसलिए यहां यही अर्थ ग्रहण किया ८.६फीट तक ऊंचा होता है। पत्ते अनेक भागों में विभक्त जा रहा है।
अजमोदे के पत्तों के समान कटे किनारे वाले एवं १ से जातुक के पर्यायवाची नाम
२ फुट लंबे होते हैं तथा टहनियों के अन्त में फूलों के हिंगु शूलिद्विट् रमठं, बाल्हीकं जतुकं जतु ।। गुच्छे लगते हैं। फल तिहाई से तीन चौथई इंच के घेरे सहस्रवेधि जन्तुघ्नं, सूपाङ्गं सूपधूपनम्।। में अंडाकार होते हैं। चार वर्ष का वृक्ष होने पर इसको
काटते हैं और भूमि के पास वाली जड़ को तिरछे तराशने हिंगु, शूलद्विट्, रमठ, बाल्हीकं, जतुक, जतु,
से जो रस निकलकर सूख जाता है उसको दो दिन के सहस्रवेधि, जन्तुघ्नं, सूपाङ्ग, सूपधूपन (रामठ...जातुक...
बाद खुरच कर संग्रह कर लेते हैं। फिर दो दिन के बाद आदि ३१ नाम हैं) शा०नि० हरीतक्यादिवर्ग पृ० १०६
जड़ को उसी प्रकार से तराश कर छोड़ देते हैं और अन्य भाषाओं में नाम
सूखने पर खुरच कर इकट्ठा कर लेते हैं। यही सूखा हुआ हि०-हींग। बं०-हिंगु। पं०-हिगे, हींग।
पदार्थ हींग है। (भाव० नि० हरीतक्यादिवर्ग० पृ० ४१) म०-हिंग। मा०-हींग। गु०-हिंगुडो, वधारणी, हिंगवधारणी । तेल-इंगुव, इंगुर, इंगुरा । ता०-पेरुंगियम्, पेरुंग्यम्। क०-हिंगु। फा०-अंगूजह, अंगुजा,
जातिगुम्म अंघुजेह-इलरी। अ०-हिलतीत्, हिलतीस। जातिगुम्म (जातिगुल्म) सफेद पुष्पवाली चम्बेली, अंo-Asafoetida (असेफीटिडा)। ले०-Ferula narthex जाई
जीवा० ३/५८० ज० २/१० Boiss (फेरुला नार्थेक्स बॉयस्) Ferula Foetida Regal विमर्श-प्रस्तुत प्रकरण दोनों सूत्रों में एक साथ (फेरुला फीटिडा)।
जातिगुम्म शब्द दो बार आया है। इससे लगता है चमेली के दोनों भेदों का ग्रहण गया किया है। चमेली दो प्रकार की होती है (१) सफेद पुष्प वाली (२) पीले पुष्प वाली। यहां सफेद पुष्पवाली चमेली ग्रहण कर रहे हैं। जाति के पर्यायवाची नाम
जाति र्जाती च सुमना मालती राजपुत्रिका। चेतिका हृद्यगन्धा च, सा पीता स्वर्णजातिका ।।२७।।
जाति, जाती, सुमना, मालती, राजपुत्रिका, चेतिका, हृद्यगंधा ये सब जाई के पर्यायवाची नाम हैं। यदि पीली जाई हो तो उसे स्वर्णजातिका कहते हैं।
(भाव० नि० पुष्पवर्ग० पृ० ४६१) अन्य भाषाओं के नाम__ हिo-चमेली, चम्बेली, चंबेली । बं०-जुई, चमेली,
जाति । गु०-चंबेली। म०-चमेली, जाई ता०-पिचि । उत्पत्ति स्थान-हींग के वृक्ष काबुल, हिरासत,
ते-जाति । अ०-यासमीन, यासमून । फा०-यासमान। खुरासन, फारस एवं अफगानिस्तान आदि प्रदेशों में
अंo-Spanish Jasmine (स्पॅनिश्जस्मिन्)। ले०उत्पन्न होते हैं तथा इस देश के पंजाब और काश्मीर में
Jasminum grandiflorum (जस्मिनम् ग्रेण्डी फ्लोरम्)। कहीं-कहीं देखने में आते हैं।
उत्पत्ति स्थान-यह भारत में सभी स्थानों पर बागों विवरण-इसका वृक्ष झाड़ के समान छाटा ५ स में लगाया मिलता है। इसका आदि स्थान उत्तरपश्चिम
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