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ग्रन्थानुक्रमणिका
संख्या
संकेत
ग्रन्थ नाम
ग्रन्थकार
प्रकाशक
प्रकाशन काल
दे. ला. जैन पुस्तको. फंड सूरत |
आगमोदयसमिति मेहसाना | ई. १९१७ :
आगमोदय समिति बम्बई ई.१६२८-१९३२
अावश्ययक वृत्ति (अध्य.१) हरिभद्रसूरि आवश्यकसूत्र (अध्य.२,३,४) आवश्यक नियुक्ति , आ. भद्रबाहु आवश्यक भाष्य , अावश्यक वुत्ति , हरिभद्रसूरि . अावश्यकसूत्र (भा. १, २)
आवश्यकसूत्र वृत्ति प्रा. मलयगिरि | प्राव. सू. | आवश्यकसूत्र (भा. ३) -
प्राव. वृ.. आवश्यकसूत्र वृत्ति प्रा. मलयगिरि ४८ पाव. हरि.व. आवश्यकसूत्र हरिभद्रविर- मलधारगच्छीय हेम
मल. हेम. टि. | चित वृत्ति पर टिप्पण | चन्द्र सूरि | इष्टोप. | इष्टोपदेश
पूज्यपादाचार्य . | इष्टोप. टी. | इष्टोपदेश टीका प. प्राशाधर
दे. ला. जैन पुस्तको. फंड सूरत | ई. १६३६
ई. १९२०
मा. दि. जैन ग्रंथमाला, बम्बई | वि. १९७५
उत्तरा. सू.
उत्तराध्ययन सूत्र
पुष्पचन्द खेमचन्द, बलाद .
दे. ला.जैन पुस्तकोद्धार संस्था, ई. १६१६.
सूरत
उत्तरा. ने. बृ. उत्तराध्ययन सुबोधा वृत्ति नेमिचन्द्राचार्य | उत्तरा. सू. | उत्तराध्ययन सूत्र (प्रथम
विभाग, अध्य. १-४) | उत्तरा. नि.] उत्तराध्ययन नियुक्ति भद्रबाहु ५५ उत्तरा.शा.वृ. उत्तराध्ययन नि. बृत्ति शान्तिसूरि
प., उप. उपदेशपद (प्रथम वि.) हरिभद्र सूरि प. वृ. , टीका
| मुनिचन्द्र सूरि ५८ उपदे. प.,उप , (द्वितीय वि.) हरिभद्र सूरि ५६ | उपदे. प. वृ. ॥ टीका मुनिचन्द्र सूरि
उपदे. मा..| उपदेशमाला धर्मदास गणी
श्रीमन्मुक्तिकमल जैन मोहन-वि. १६७६.
माला, बड़ौदा
वि. १९८१
ऋषभदेव केशरीमल श्वेता. | ई.-१९२८ :
जैन संस्था, रतलाम :
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