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समुत्तिष्ण-समुद्र
समुत्तिण वि [समवतीर्ण] अवतीर्ण । मुत्तुंग वि[समुङ्ग] अति ऊँचा । समुत्तु वि [] गर्वित । समुत्थवि उत्पन्न ।
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
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वासुदेव का पूर्वजन्मीय नाम । एक मच्छीमार । [ दत्ता ] स्त्री. हरिषेण वासुदेव की एक पत्नी । समुद्रदत्तमच्छीमार की भार्या । °लिक्खा स्त्री [लक्षा] द्वीन्द्रिय जंतु की एक जाति । 'विजयी पुं. चौथे चक्रवर्ती राजा का पिता । भगवान् अरिष्टनेमि का पिता । सुआ स्त्री ['सुता] लक्ष्मी । देखो समुद्र । समुद्दणवणीअ न [ दे. समुद्रनवनीत ] अमृत,
सुधा | चन्द्रमा |
समुदय पुं. समुदाय, संहति । समुन्नति, समुद्दव सक [ समुद् = द्रावय् ] भयंकर
अभ्युदय ।
उपद्रव करना | मार डालना ।
समुदाआर देखो समुआचार |
समुदाचार
समुदाण न [समुदान ] भिक्षा | भिक्षा-समूह | प्रयोग- गृहोत कर्मों को प्रकृति- स्थित्यादि-रूप से व्यवस्थित करनेवाली क्रिया विशेष । समुदाय | चर वि. भिक्षा की खोज करने
वाला ।
समुदाण सक [ समुदानय् ] भिक्षा के लिए
भ्रमण करना ।
समुदाणि देखो सामुदाणिय । समुदाणिया स्त्री [ सामुदानिकी ] क्रिया- समुद्देस वि [सामुद्देश] देखो समुद्देसिय ।
विशेष | समुदान- क्रिया । समुदाय पुं. समूह |
समुदाय वि [ समुदाहृत] प्रतिपादित, कथित ।
समुत्थय सक [समुत् + स्थगय् ] ढकना । समुत्थय वि[समवस्तृत ] आच्छादित | समुत्थल्ल वि [समुच्छलित ] उछला हुआ । समुत्थाण न [समुत्थान] देखो समुट्ठाण । समुत्थिय देखो समुट्ठिअ ।
समुदिअ देखो समुइअ = समुदित । समुदिण देखो समुइन्न । समुदीर सक [ समुद् + ईरय् ] प्रेरणा करना । कर्मों को खींच कर उदय में लाना, उदीरणा करना ।
समुद्द पुं [समुद्र ] सागर । अन्धकवृष्णि का ज्येष्ठ पुत्र । आठवें बलदेव और वासुदेव के पूर्वजन्म के धर्म गुरु । वेलन्धर नगर का एक राजा । शाण्डिल्य मुनि के शिष्य एक जैन मुनि | वि. मुद्रा सहित । दत्त पुं. चौथे
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समुद्दहर न [ दे] पानीय- गृह, पानी घर । समुद्दाम वि. अतिउद्दाम, प्रखर । समुद्दिस सक [ समुद् + दिश् ] पाठ को स्थिर-परिचित करने के लिए उपदेश देना । व्याख्या करना । प्रतिज्ञा करना । आश्रय लेना । अधिकार करना ।
समुद्देस पुं [समुद्देश] पाठ को स्थिर-परिचित करने का उपदेश । व्याख्या, सूत्र के अर्थ का अध्यापन | ग्रन्थ का एक विभाग, अध्ययन, प्रकरण परिच्छेद । भोजन ।
समुद्देसिय वि[समुद्देशिक] समुद्देश-सम्बन्धी । विवाह आदि के उपलक्ष्य में किये गये जीमन में बचे हुए वे खाद्य पदार्थ जिनको सब साधुसंन्यासियों में बाँट देने का संकल्प किया गया हो ।
समुद्धर सक [समुद् + ह् ] मुक्त करना । जीर्ण मन्दिर आदि को ठीक करना । उद्धार
करना ।
समुद्धाइअ वि [ समुद्धावित] समुत्थित । समुद्धाय अक [ समुद् + धाव् ] उठना । समुद्ध देखो समुद्धरिअ । समुधुर वि. दृढ़, मजबूत ।
समुद्धुसिअ वि[समुद्धुषित ] पुलकित । समुद्र पुं [ समुद्र ] एक देव -विमान | देखो
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