________________
८२० संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
समुन्नइ-समुसरण समुद्द।
होना, विकसना। समुन्नइ स्त्री [समुन्नति] अभ्युदय ।
समुल्लालिय वि [समुल्लालित] उछाला समुन्नद्ध वि [समुन्नद्ध] संनद्ध, सज्ज । हुआ। समुन्नय वि [समुन्नत] अति ऊँचा।
समुल्लाव पुं [समुल्लाप] आलाप, संभाषण । समुपेह सक [ समुत्प्र + ईक्ष् ] अच्छी तरह समुल्लास पुं. विकास । देखना, निरीक्षण करना। पर्यालोचन करना, ।
समुवइट्ठ वि [समुपविष्ट] बैठा हुआ । विचार करना।
समुवउत्त वि [समुपयुक्त] उपयोग-युक्त, समुप्पज्ज अक [ सपुत् +पद् ] उत्पन्न
सावधान । होना।
समुवगय वि [समुपगत] समीप आया हुआ। समुप्पण्ण वि [समुत्पन्न] उत्पन्न ।
समुवज्जिय वि [समुपाजित] उपार्जित, समुप्पयण न [समुत्पतन] ऊँचा जाना,
पैदा किया हुआ। उड्डयन ।
समुवत्थिय वि [समुपस्थित] हाजिर । समुप्पाअअ वि [समुत्पादक] उत्पत्तिकर्ता ।
समुवयंत देखो समुवे। समुप्पाड सक [ समुत् + पादय् ] उत्पन्न समुवविट्ठ वि [समुपविष्ट] बैठा हुआ । करना।
समुवसंपन्न वि [समुपसंवन्न] समीप में समुप्पाय पुं [समुत्पाद] उत्पत्ति, प्रादुर्भाव । समागत । समुप्पिजल न [दे] अयश । रज, धूलि । समुवहसिअ वि [समुपहसित] जिसका खूब समप्पित्थ वि [दे] उत्त्रस्त, भयभीत ।। उपहास किया गया हो। समप्पेक्ख, समपेह । देखो समुवेक्ख । समुवागय वि [समपागत] समीप में आगत समप्पेह ।
समुवे अक [समुपा+इ] पास में आना । समुप्फालय वि [समुत्पाटक] उठाकर लाने- | सक. प्राप्त करना । वाला।
समुवेक्ख । सक [ समुत्प्र + ईक्ष् ] निरीसमुप्फालिय वि [समुत्फालित] आस्फालित ।
समुवेह , क्षण करना। व्यवहार करना, समुप्फुद सक [ समा + क्रम् ] आक्रमण काम में लाना। करना।
समुव्वत्त वि [समुवृत्त] ऊँचा किया हुआ । समुप्फोडण न [समुत्स्फोटन] आस्फालन । समुव्वत्तिय वि [समुर्तित] घुमाया हुआ, समुन्भड वि [समुद्भट] प्रचंड ।
फिराया हुआ। समुन्भव अक [समुद् + भू] उत्पन्न होना। समुव्वह सक [ समुद् + वह ] धारण समुब्भिय वि [समूवित] ऊंचा किया हुआ । करना । ढोना । समुन्भुय । (अप) वि [समुद्भूत] उत्पन्न । समुव्विग्ग वि [समुद्विग्न] अत्यन्त उद्वेग
वाला। समुयाण देखो समुदाण।
समुव्बूढ वि [समुद्व्यूढ] विवाहित । उत्तासमुयाय देखो समुदाय।
नित, ऊँचा किया हुआ । समुल्लव सक [ समुत् + लप्] बोलना, | समुन्वेल्ल वि [समुद्वेल्लित] अत्यन्त कँपाया कहना।
| हुआ, संचालित । समुल्लस अक [ समुत् + लस् ] उल्लसित समुसरण देखो समोसरण ।
समुभूअ )
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org