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४४८ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
दंतकार-दक्खण का एक राजा। वलहिया स्त्री । दंभग वि [दम्भक] दम्भी, धूर्त । [°वलभिका] उद्यान-विशेष । वाणिज्ज न दंभोलि पु [दम्भोलि] वज्र । [°वाणिज्य] हाथी-दांत वगैरह दाँत का | दंस सक [ दर्शय ] दिखलाना। व्यापार । °ार पुं [°कार] दाँत का काम | दंश सक [ दंश् ] काटना, दाँत से काटना । करनेवाला शिल्पी।
दंस पुं [दंश] डाँस, बड़ा मच्छड़ । दन्त-क्षत, दंतकार पुं [दन्तकार] दाँत बनानेवाला | सर्प या अन्य किसी विषेले कीड़े से काटा हुआ शिल्पी।
घाव। दंतकुंडी स्त्री [दन्तकुण्डी] दंष्ट्रा ।
दंस पुं [दर्श] सम्यक्त्व, तत्त्व-श्रद्धा । दंतवक्क पुं [दान्तवाक्य] चक्रवर्ती राजा।। दंसग वि [दर्शक] दिखलानेवाला । दंतवण न [दे. दन्तपवन] दन्त-शुद्धि । दाँत | दंसण पुंन [दर्शन] अवलोकन, निरीक्षण । साफ करने का काष्ठ ।
आँख । सम्यक्त्व, तत्त्व-श्रद्धा । सामान्य दंतवण्ण पुंन [ दे. दन्तपवन ] दतवन ।
ज्ञान । मत, धर्म । शास्त्र विशेष । °मोह न. दंतसोहण न [दन्तशोधन] दतवन ।
तत्त्व-श्रद्धा का प्रतिबन्धक कर्म-विशेष । दंताल पुंस्त्री [दे] घास काटने का हथियार ।
मोहणिज्ज न [°मोहनीय] कर्म-विशेष । दंति [दन्तिन्] हाथी । पर्वत-विशेष । वरण न. सामान्य-ज्ञान का आवरक कर्म । दंतिअ पुं [दे] शशक, खरगोश, खरहा ।
गवरणिज्ज न [°वरणीय] पूर्वोक्त ही दंतिदिअ वि [दान्तेन्द्रिय] इन्द्रिय-निग्रही ।
अर्थ । देखो दरिसण। दंतिक्क न [दे] चावल का आटा। दंसण न [दंशन] दाँत से काटना । दंतिक्कग न [दे] माँस ।
दंसणि वि [दर्शनिन्] किसी धर्म का अनुदंतिया स्त्री [दन्तिका] एक वृक्ष-विशेष, बड़ी | | यायी । दार्शनिक, दर्शन-शास्त्र का जानकार । सतावर ।
तत्त्व-श्रद्धालु। दंती स्त्री [दन्ती] स्वनाम-ख्यात वृक्ष । | दंसणिआ स्त्री [दर्शनिका] दर्शन, अवलोकन । दंतुक्खलिय पुं [दन्तोलखलिक] तापस-दसाव सक [ दर्शय् ] दिखलाना। विशेष जो दांतों से ही व्रीहि या धान वगैरह | दंसि वि [ दर्शिन् ] देखनेवाला। को निस्तुष कर खाते हैं।
दक्क वि [दष्ट] जो दाँत से काटा गया हो दंतुर वि [दन्तुर] उन्नत दाँतवाला, जिसके वह। दाँत उभड़-खाबड़ हों। नीचा स्थान, विषम | दक्ख सक [ दृश् ] देखना, अवलोकन स्थान । आगे आया हुआ, आगे निकल आया | करना। हुआ।
दक्ख सक [ दर्शय् ] दिखलाना । दंतुरिय वि [दन्तुरित] ऊपर देखो। दक्ख वि [दक्ष] निपुण, चतुर । पुं. भूतानन्द दंद पुं[द्वन्द्व] व्याकरण-प्रसिद्ध उभयपद-प्रधान नामक इन्द्र के पदाति-सैन्य का अधिपति समास । न. परस्पर-विरुद्ध शीत-उष्ण, सुख- देव । भगवान् मुनिसुव्रत-स्वामी का एक दुःख आदि युग्म । कलह, क्लेश । युद्ध। । पौत्र। दंपइ पुं. ब. [दम्पति] पति-पत्नी।
दक्ख देखो दक्खा। दंभ पुं [दम्भ] माया, कपट । छन्द-विशेष । | दक्खज्ज पुं [दे] गीध । ठगाई।
दक्खण न [दर्शन] अवलोकन, निरीक्षण ।
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