________________
४४७
दंठि-दत
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष दंठि वि [दंष्ट्रिन्] बड़े दाँतवाला, हिंसक देखो दंड। जन्तु ।
दंडपासिंग पुं दाण्डपाशिक] कोतवाल । दंड सक [दण्डय्] सजा करना, निग्रह करना। दंडलइअ वि [दण्डलातिक] दण्ड लेनेवाला, दंड पुं [दण्ड] जीव-हिंसा । शारीरिक या अपराधी ।
आर्थिक दण्ड, दमन । लाठी। दुःख-जनक। दडावण न दण्डन सजा कराना, निग्रह कराना। मन, वचन और शरीर का अशभ व्यापार । दडाविअ वि [दाण्डत जिसको दण्ड दिलाया छन्द-विशेष । एक जैन उपासक । पन. १९२ गया हो वह । अंगुल का एक नाप । आज्ञा । पन. सैन्य। दौड वि [दण्डिन् दण्ड-युक्त । पुं. दण्डधारी उबाल, उफान । पुं. सेनापति । 'अल पं प्रतीहार, दरवान । [°कल] छन्द-विशेष । 'जुज्झ न [युद्ध]
दंडि° देखो दंडी। यष्टि-युद्ध । °णायग पुं [°नायक] दण्ड-दाता,
दंडिअ ' [दण्डिक] सामन्त राजा । राज अपराधविचारकर्ता। सेनापति, सेनानी,
कुलानुगत पुरुष । कोतवाल । प्रतिनियत सैन्य का नायक । °णीइ स्त्री
दंडिअ वि [दण्डित] कैदी। [नीति] नीति-विशेष, अनुशासन । °पह
दंडिअ वि [दण्डिक] दण्डवाला। पुं. राजा । पुं ["पथ] सीधा मार्ग। पासि पुं
दण्ड-दाता, अपराध विचार-कर्ता । [°पाश्चिन्, °पाशिन्] दण्डदाता। कोत
दंडिआ स्त्री [दे] लेख पर लगाई जाती राजवाल । °पुंछणय न [प्रोञ्छनक] दण्डाकार .
मुद्रा। झाडू । °भी वि. दण्ड से डरनेवाला।
दंडिक्किअ वि [दे] अपमानित । °लत्तिय वि [°लात] दण्ड लेनेवाला। वइ
दंडिणी स्त्री [दे. दण्डिनी] राज-पत्नी । पुं [°पति] सेनानी, सेनापति । 'वासिग, दंडिम वि [दण्डिम] दण्ड से निवृत्त । न. सजा °वासिय पुं [दाण्डपाशिक] कोतवाल। करके वसूल किया हुआ द्रव्य ।
वीरिय पं [वीर्य] राजा भरत के वंश का दंडी स्त्री[दे] सूत्र-कनक । साँवा हुआ वस्त्र-युग्म । एक राजा जिसको आदर्श-गृह में केवलज्ञान , साँधा हुआ जीर्ण वस्त्र । उत्पन्न हुआ था। °रास पुं. एक प्रकार का दंत वि [ददत्] दाता। नाच । इय वि [यित]दण्ड की तरह लम्बा। दंत पं [दान्त] बेला। वि. दो उपवास ।
आयइय वि [°ायतिक] पैर को दण्ड की जिसका दमन किया गया हो वह, वश में तरह लम्बा फैलानेवाला। रक्खिग पुं किया हुआ। जितेन्द्रिय। [रक्षिक] दण्डधारी प्रतीहार । रण्ण न दंत पुं [दे] पर्वत का एक देश । [rरण्य] दक्षिण भारत का एक प्रसिद्ध जंगल । दंत पुं [दन्त] दाँत । °कुडी स्त्री [°कुटी] °ासणिय वि [°ासनिक] दण्ड की तरह पैर दाढ । °च्छअ पुं [°च्छद] होठ । धावण न । फैला कर बैठनेवाला । देखो दंडग, दंडय। [ धावन] दाँत साफ करना। दतवन । दंडग । पुं [दण्डक] कर्ण-कुण्डल नगर का
‘पक्खालण न [°प्रक्षालन] वही पूर्वोक्त दंडय ) एक राजा । दण्डाकार वाक्य-पद्धति, अर्थ । ‘पाय न [ पात्र] दाँत का बना हुआ ग्रन्थांश-विशेष । भवनपति आदि चौबीस पात्र । °पुर न. नगर-विशेष । °पहोयण न दण्डक, पद-विशेष । न. दक्षिण भारत का [प्रधावन] देखो धावण। °माल पुं. एक प्रसिद्ध जंगल । गिरि पुं. पर्वत-विशेष। वृक्ष-विशेष । °वक्क पुं [°वक्र] दन्तपुर नगर
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org