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णिमित्ति-णिम्माय संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
३९७ हुई भिक्षा ।
णिम्मज्जिय वि [निर्माजित उपलिप्त । णिमित्ति वि [निमित्तिन्] निमित्त-शास्त्र का णिम्मण वि [निर्मनस्] मन-रहित । जानकार ।
णिम्मणुय वि [निर्मनुज] मनुष्य-रहित । णिमित्तिअ देखो णेमित्तिअ ।
हिम्मद्दग वि [निर्मर्दक] निरन्तर मर्दन णिमिल्ल अक [नि+मील] आँख मींचना। करनेवाला । पुं. चोरों की एक जाति । णिमिल्ल वि [निमीलित] मुद्रित-नेत्र । णिम्मद्दिय वि [निदित] जिसका मर्दन किया णिमिल्लण देखो णिमीलण ।
___ गया हो। णिमिस अक [नि + मिष्] आँख मूंदना। णिम्मम वि [निर्मम] ममता-रहित, निःस्पृह । णिमिस पुं. [निमिष] नेत्र-संकोच, अक्षिमीलन, पुं भारतवर्ष के एक भावी जिनदेव । पलक मारने भर का समय ।
णिम्मय वि [दे] गत, गया हुआ। णिमीलण न [निमीलन] अक्षि-संकोच । णिम्मल वि [निर्मल] मल-रहित, विशुद्ध । पुं. णिमीलिअ वि [निमीलित] मुद्रित (नेत्र) । ब्रह्म-देवलोक का एक प्रस्तर । णिमीस न [निमिश्र] एक विद्याधर-नगर । णिम्मल्ल न [निर्माल्य] देव का उच्छिष्ट णिमे सक [नि + मा] स्थापन करना ।
द्रव्य । णिमेण न [दे] स्थान, जगह ।
णिम्मव सक [निर् + मा] बनाना, रचना, णिमेल स्त्रीन [दे] दन्त-मांस ।
करना। णिमेस पुं [निमेष] निमीलन, अक्षि-संकोच, |णिम्मव सक [ निर् + मापय् ] बनवाना, पलक का गिरना, पलक ।
कराना, रचना करना। णिमेसि देखो णिमे।
णिम्मवइत्तु वि [निर्मापयितु] बनवानेवाला । णिमेसि वि [निमेषिन्] आँख मूदनेवाला। णिम्मह सक [गम्] जाना, गमन करना । णिम्म सक [नि+मा] बनाना, निर्माण
अक. फैलना।
णिम्मह पुं [निर्मथ] विनाश । वि. विनाशक । करना । णिम्म पुंस्त्री [नैम] जमीन से ऊँचा निकलता णिम्मा देखो णिम्म। प्रदेश।
णिम्माण सक [नि+मा] बनाना, करना, णिम्मइअ वि [निर्मित] रचित, कृत । रचना। णिम्मंथण न [निर्मथन] विनाश । वि. णिम्माण न [निर्माण] रचना, बनावट, विनाशक ।
कृति । शरीर के अंगोपांग के निर्माण में णिम्मंस वि [निर्मांस] मांस-रहित, शुष्क । नियामक कर्म-विशेष । णिम्मंसा स्त्री [दे] चामुण्डा देवी । णिम्माण वि [निर्मान] मान-रहित । णिम्मंसु वि दे. निःश्मश्रु] तरुण । | णिम्माणअ वि [निर्मापक] बनानेवाला । णिम्मक्खिअ देखो णिम्मच्छिअ = निर्मक्षिक । | णिम्माणिअ वि [निर्मानित] अपमानित, णिम्मच्छ सक [नि + म्रक्ष] विलेपन करना । तिरस्कृत । णिम्मच्छर वि [निर्मात्सर्य] ईर्ष्या-रहित । णिम्माणुस वि [निर्मानुष] मनुष्य-रहित । णिम्मच्छिअ न [निर्मक्षिक] मक्षिका का णिम्माय वि [निर्मात] रचित, विहित, कृत । अभाव । निर्जनता।
निपुण, अभ्यस्त, कुशल । णिम्मज्जाय वि [निर्मर्याद] मर्यादा-रहित। । णिम्माय न [निर्माय] निर्विकृतिक तप ।
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