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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष णिम्मालिअ-णिरभिराम णिम्मालिअ देखो णिम्मल्ल ।
निर्बाध । व्यवधान रहित, सतत । णिम्माव सक [निर् + मापय] बनवाना, णिरंतरिय वि [निरन्तरित] अन्तर-रहित, करवाना।
व्यवधान-रहित। णिम्मिअ वि [निर्मित] रचित, बनाया हुआ । णिरंध वि [नोरन्ध्र] छिद्र-रहित ।
वाइ वि [°वादिन] जगत् को ईश्वरादि- णिरंबर वि [निरम्बर] वस्त्र-रहित । कृत माननेवाला।
णिरंभा स्त्री [निरम्भा] वैरोचन इन्द्र की एक णिम्मिस्स वि [निर्मिश्र] मिला हुआ, मिश्रित । । अन-महिषी।
वल्ली स्त्री. अत्यन्त नजदीक का स्वजन । णिरंस वि [निरंश] अंश-रहित, अखण्ड, णिम्मीस वि [निर्मिश्र] मिश्रण-रहित । __ सम्पूर्ण । णिम्मीसुअ वि [दे] दाढ़ी-मछ-वजित । णिरंह वि [निरंहस्] निर्मल, पवित्र । णिम्मुक्त वि [निर्मुक्त] मुक्त किया गण। | णिरक्क पुं [दे] चोर । पृष्ठ, पीठ । वि. स्थित । णिम्मुक्ख पुं [निर्मोक्ष] मुक्ति, छुटकारा । णिरक्किय वि [निराकृत] अपाकृत, निरस्त । णिम्मूल वि [निर्मूल] मूल-रहित, जिसका मूल | णिरक्ख सक [निर + ईक्ष ] निरीक्षण काटा गया हो वह ।
करना. देखना। णिम्मेर वि [ निर्मर्याद ] मर्यादा-रहित, | णिरक्खर वि [निरक्षर] मुर्ख, ज्ञान-रहित । निर्लज्ज ।
गिरगार वि [निराकार आकार-रहित । हिम्मोअ ' [निर्मोक] कञ्चक, सर्प की त्वचा ।
णिरग्गल वि [निरर्गल] रुकावट से रहित । णिम्मोअणी स्त्री [निर्माचनी] कञ्चुक, स्वरी, निरंकुश । निर्मोक ।
णिरच्चण वि [निरर्चन] अर्चन-रहित । णिम्मोडण न [निर्मोटन] विनाश ।।
णिर? वि [निरर्थ] निष्प्रयोजन, निकम्मा । णिम्मोल्ल वि [निर्मूल्य] मूल्य-रहित ।
न. प्रयोजन का अभाव ।। णिम्मोह वि [निर्मोह] मोह-रहित ।
णिरण वि [निऋण] करज से मुक्त । णिरइ स्त्री [निऋति) मूल नक्षत्र का अधि-णिरणास देखो णिरिणास = नश् । ष्ठायक देव ।
णिरणुकंप वि [निरनुकम्प] अनुकम्पा-रहित । णिरइयार वि [निरतिचार] अतिचार-रहित, | णिरणुक्कोस वि [निरनुक्रोश निर्दय । दूषण-वजित ।
णिरणुताव वि [निरनुताप] पश्चात्ताप-रहित । णिरइसय वि [निरतिशय] अत्यन्त, सर्वाधिक । णिरत्थ वि [निरस्त] अपास्त, निराकृत । णिरईआर देखो णिरइयार ।
णिरत्थ वि [निरर्थ,°क ] अपार्थक, णिरंकुस वि [ निरङ्कश ] अंकुश रहित, | णिरत्थग निकम्मा, निष्प्रयोजन । स्वच्छन्दो।
णिरत्थय । णिरंगण वि [निरङ्गण] निर्लेप । णिरन्नय पुं [निरन्वय] अन्वय-रहित । णिरंगी स्त्री [दे] घूघट ।
णिरप्प अक स्था] बैठना । णिरंजण वि [निरञ्जन] निर्लेप ।। णिरप्प पुं [दे] पृष्ठ, पीठ । वि. उद्वेष्टित । णिरंतय वि [निरन्तक] अन्त- हित । णिरप्पण वि [निरात्मीय] परकीय । णिरंतर वि [निरन्तर] व्यवधान-रहित । णिरभिग्गह वि [निरभिग्रह] अभिग्रह-रहित । णिरंतराय वि [ निरन्तराय ] निर्विघ्न, णिरभिराम वि [निरभिराम ] असुन्दर ।
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