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जम्बूद्वीप की जगती के पश्चिम द्वार का एक देव-विमान- विशेष | पश्चिम द्वार । रुचक
अधिष्ठाता देव । न. जम्बूद्वीप की जगती का पर्वत का एक शिखर । जयंती स्त्री [ जयन्ती ] पक्ष की नववों रात | भगवान् अरनाथ की दीक्षा शिविका । वल्लीविशेष, अरणी, वर्ष-गाँठ । सप्तम बलदेव की माता । विदेह वर्ष की एक नगरी । अंगारकनामक ग्रह की एक अग्र-महिषी । जम्बूद्वीप के मेरु से पश्चिम दिशा में स्थित रुचक पर्वत पर रहनेवाली एक दिक्कुमारी देवी । भगवान् महावीर की एक उपासिका । भगवान् महावीर के आठवें गणधर की माता । अञ्जनक पर्वत की एक वापी । नवमी तिथि । जैन मुनियों की एक शाखा ।
जयण न [ यजन ] याग, पूजा । अभयदान । जयण न [यतन ] यत्न, चेष्टा, उद्यम । प्राणी की रक्षा ।
जयण वि [जवन] वेग-युक्त |
जयण न [जयन] विजय । वि. जीतनेवाला । जयण न [दे] घोड़े का बख्तर । जयणा स्त्री [यतना ] चेष्टा, कोशिश । प्राणी
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
की रक्षा | उपयोग, किसी जीव को दुःख न हो इस तरह प्रवृत्ति करने का ख्याल । जयद्दह पुं [ जयद्रथ] सिन्धु देश का स्वनामप्रसिद्ध एक राजा जो दुर्योधन का वहनोई
था ।
जया अ [ यदा] जिस समय । जया स्त्री. विद्या विशेष । चतुर्थ चक्रवर्ती राजा की अग्रमहिषी । भगवान् वासुपूज्य की स्वनामख्यात माता । तृतीया, अष्टमी और त्रयोदशी तिथि । भगवान् पार्श्वनाथ को शासनदेवी । ओषधि-विशेष |
जयार पुं [जकार] 'ज' अक्षर । जकारादि अश्लील शब्द |
जयिण देखो जइण = जयिन् ।
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जयंती - जल
जर अक [[ ] जीर्ण होना, बूढ़ा होना । जर पुं. [ज्वर] बुखार | जर पुं. रावण का एक सुभट । वि. जीर्ण, पुराना | गव पुं [गव] बूढ़ा बैल | गुपुं [° गु] बूढ़ा बैल | स्त्री. बूढ़ी गाय | जर देखो जरा ।
जरंड वि [दे] वृद्ध, बूढ़ा । जरग्गवि [जरत्क] जीर्ण, पुराना । जरठ वि. कठिन, पुरुष । जीर्ण, पुराना । देखो
जरढ ।
जरड वि [दे] वृद्ध |
जरढ देखो जरठ । प्रौढ, मजबूत । जरण न. जीर्णता, हाजमा ।
जरय पुं [जरक] रत्नप्रभा नामक नरक- पृथिवी का एक नरकावास | मज्झ पुं [ मध्य ] नरकावास - विशेष | वित्त पुं [°ावर्त] नरकावास - विशेष | | वसिट्ठपुं [वशिष्ट ] नरकावास - विशेष ।
जरलद्धिअ जलवि
}
वि [दे] ग्रामीण |
जरा स्त्री. बुढ़ापा । वसुदेव की एक पत्नी । " कुमार पुं. श्रीकृष्ण का एक भाई । 'संघ पुं [° सन्ध] राजगृह नगर का एक राजा, नववाँ प्रतिवासुदेव | सिध पुं [सिन्ध] वही पूर्वोक्त अर्थ । सिंधु [ सिन्धु ] वही पूर्वोक्त अर्थ |
जरा हिरण (अप) देखो जल-हरण । जरि वि [ज्वरिन्] ज्वर से पीड़ित । रवि [रिन्] जरा-युक्त, वृद्ध । रिअवि [ज्वरित] ज्वर-युक्त, बुखारवाला । जल अक [ ज्वल ] दग्ध होना | चमकना । जल देखो जड |
जल न [जाड्य ] जड़ता, मन्दता । जल पुं [ज्वल] देदीप्यमान |
जल न. वीर्यं । 'कंत पुंन [कान्त] एक देवविमान । कारि पुंस्त्री [कारिन्] चतु
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