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जमल- जयंत
जमल न[ यमल ] युग्म । समान श्रेणि में स्थित । सहवर्त्ती । तुल्य । 'ज्जुणभंजग पुं [र्जुनभञ्जक ] श्रीकृष्ण वासुदेव । पद, पय न [पद] प्रायश्चित्त-विशेष । आठ अंकों की संख्या । पाणि पुं. मुष्टि । जलिय वि [मलित ] युग्म रूप से स्थित । सम-श्रेणि रूप से अवस्थित । जमलोइय वि[यमलौकिक ] यमलोक - सम्बन्धी परमाधार्मिक देव, असुरों की एक जाति । जमा स्त्री [ यामी] दक्षिण दिशा । जमालि पुं. एक राजकुमार, जो भगवान् महावीर का जामाता था, जिसने भगवान् महावीर के पास दीक्षा ली थी और पीछे से अपना अलग पन्थ निकाला था ।
जमावण न [ यमन ] नियन्त्रण करना । विषम वस्तु को सम करना ।
जमुना देखो जँउणा ।
जमू स्त्री. ईशानेन्द्र की एक अग्रमहिषी का नाम । जम्म अक [ जन् ] उत्पन्न होना । जम्म सक [जम् ] भक्षण करना । जम्म पुंन [ जन्मन् ] जन्म, उत्पत्ति, जम्मण उत्पाद |
जम्मा स्त्री [ याम्या ] दक्षिण दिशा ।
जम्हाअ
जम्हाह
जम्हाहा
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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
देखो जंभाअ ।
जय सक [जि] जीतना । अकः उत्कृष्टपन से
बरतना ।
जय सक [ यज् ] पूजा करना । याग करना । जय अक [ यत् ] यत्न करना, चेष्टा करना ।
ख्याल करना ।
जय न [ जगत् ] संसार । ' तय न [य] स्वर्ग, मर्त्य और पाताल लोक । नाह पुं [नाथ] परमात्मा । ° पहु पुं [प्रभु ] परमेश्वर | णंद वि[[नन्द ] जगत् को आनन्द देनेवाला ।
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जय वि [यत ] जितेन्द्रिय | उपयोग रखने वाला । न छठवाँ गुणस्थानक । उपयोग,
सावधानता ।
जय पुं. [ जव] वेग, दौड़ ।
जय पुं जीत । स्वनाम - प्रसिद्ध एक चक्रवर्ती राजा । [ ] नगर- विशेष । 'कम्मा स्त्री [कर्मा ] विद्या - विशेष | 'घोस पुं [घोष ] जयध्वनि | स्वनाम - प्रसिद्ध एक जैन मुनि | चंद पुं ['चन्द्र ] विक्रम की बारहवीं शताब्दी का कन्नौज का एक अन्तिम राजा । पन्नरहवीं शताब्दी का एक जैनाचार्य । ' जत्ता स्त्री [यात्रा] शत्रु पर चढ़ाई | 'पाया स्त्री [पताका ] विजय का झण्डा । °पुर देखो 'उर | मंगला स्त्री ['मङ्गला ] एक राजकुमारी । लच्छी स्त्री विजयश्री । वत वि [ 'वत् ] विजयी | 'वल्लहपुं ['वल्लभ ] नृप - विशेष | ° संध पुं [सन्ध] पुण्डरीक नामक राजा का एक मन्त्री | संधि [° सन्धि ] वही पूर्वोक्त अर्थ | सद्द पुं[शब्द] विजय सूचक आवाज । सिंह पुं. सिंहल द्वीप का एक राजा । विक्रम की बारहवीं शताब्दी का गुजरात का एक प्रसिद्ध राजा, जिसका दूसरा नाम 'सिद्धराज' था | जैनाचार्य - विशेष । °सिरि स्त्री [श्री] जयलक्ष्मी | सेण पुं [ °सेन] एक राजा | वह वि. विजयी । विद्याधर नगर - विशेष ।
['लक्ष्मी]
हपुर न. एक विद्याधर नगर । वास न. विद्याधरों का एक नगर । जय पुं [य] प्रयत्न, चेष्टा ।
जय पुंस्त्री [जया ] तृतीया, अष्टमी और त्रयोदशी तिथि ।
जय° देखो जया = यदा । [प्रभृति] जिस समय से ।
भिइ अ
जयंत पुं [ जयन्त ] इन्द्र का पुत्र । एक भावी बलदेव | एक जैन मुनि । इस नाम के देवविमान में रहनेवाली एक उत्तम देव-जाति ।
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