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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष चिंचिल्ल-चिट्टिय चिंचिल्ल सक [ मण्डय ] अलंकृत करना। | चिक्का स्त्री [दे] थोड़ी चीज । सूक्ष्म छींटा । चिंत सक [ चिन्तय ] चिन्ता करना, विचार | चिक्कार पुं [चीत्कार] चिल्लाहट, चिंघाड़। करना । याद करना। ध्यान करना। अफ- | चिक्किण देखो चिक्कण । सोस करना।
चिक्खअण वि [दे] सहिष्णु । चिंत विचिन्त्य] चिन्तनीय, विचारणीय । । चिक्खल्ल पुं [दे] कीच ।। चिंतग वि [चिन्तक] चिन्ता करनेवाला, | चिक्खल्लय न [चिक्खल्लक] काठियावाड़ विचारक।
का एक नगर । चिंतण न [चिन्तन] विचार, पर्यालोचन । चिक्खिल्ल । स्मरण, स्मृति ।
चिखल्ल [दे] देखो चिक्खल्ल । चिंतणिया स्त्री [चिन्तनिका] याद करना, | चिखिल्ल , चिन्तन करना।
चिगिचिगाय अक [ चिकचिकाय ] चकचिंतय वि [चिन्तक] चिन्ता करनेवाला। चकाट करना, चमकना । चितव देखो चिंत = चितम् ।
चिगिच्छग देखो चिइच्छअ । चिंता स्त्री. विचार, पर्यालोचन । अफसोस, | चिगिच्छण न [चिकित्सन]चिकित्सा, इलाज। शोक। ध्यान । स्मृति । इष्ट-प्राप्ति का सन्देह । । चिगिच्छय देखो चिइच्छअ । °उर वि[°तुर] शोक से व्याकुल । °दिट्ठ वि चिगिच्छा स्त्री [चिकित्सा] दवा, प्रतीकार, [दृष्ट] विचार-पूर्वक देखा हुआ। °मइअ वि | इलाज । "संहिया स्त्री [°संहिता] वैद्यक[°मय] चिन्ता-युक्त । मणि पुं. मनोवाञ्छित | शास्त्र । अर्थ को देनेवाला रत्न-विशेष, दिव्यमणि । चिच्च वि [दे] चिपटी नासिकावाला। न. वीतशोक नगरी का एक राजा । °वर वि | सम्भोग । [°पर] चिन्ता-मग्न ।
चिच्च वि [त्याज्य] छोड़ने-योग्य । चितायग । वि [चिन्तक] चिन्ता करने- चिच्चर वि [दे] चिपटी नासिकावाला। चितावग ) वाला।
| चिच्चा देखो चय = त्यज । चिंध न [चिह्न] लाञ्छन, निशानी । ध्वजा। चिच्चि पुं.चीत्कार, चिल्लाहट,भयंकर आवाज। °पट्ट पुं. निशानी रूप वस्त्र खण्ड । °पुरिस | चिच्चि पुं [दे] अग्नि । पुं [पुरुष] दाढ़ी-मूंछ वगैरह पुरुष की चिट्ठ अ [दे] अत्यन्त । निशानी वाला नपुंसक, हिंजड़ा । पुरुष का वेष | चिट्ठ अक [स्था] बैठना, स्थिति करना । धारण करनेवाली स्त्री वगैरह। चिट्ठ देखो चेछ । चिधाल वि [चिह्नवत्] चिह्न-युक्त । चिट्ठइत्तु वि[स्थातृबैठनेवाला, ठहरनेवाला । चिंधाल वि [दे] सुन्दर । मुख्य, प्रवर । चिट्ठण न [स्थान] खड़ा रहना । चिफुल्लणी स्त्री [दे] लहँगा।
चिट्ठण न [चेष्टन] चेष्टा, प्रयत्न । चिकिच्छ देखो चिइच्छ।
चिट्ठणा स्त्री[स्थान]स्थिति,बैठना,अवस्थान । चिकुर देखो चिउर।
चिट्ठा देखो चेटा। चिक्क वि [दे] अल्प । न. छोंक। | चिट्रिय वि [चेष्टित] जिसने चेष्टा की हो चिक्कण वि [चिक्कण] चिकना, स्निग्ध । वह । न. चेष्टा, प्रयत्न । निबिड । दुर्भेद्य, दुःख से छूटने-योग्य । चिट्ठिय वि [स्थित] अवस्थित, रहा हुआ।
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