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चालणा - चिचिणी
चालणा स्त्री [ चालना ] शंका, पूर्वपक्ष, आक्षेप | चालणिया ) स्त्री [ चालनिका] । चालणी स्त्री [ चालनी] आखा, छानने का पात्र चलनी या छलनी । चालवास ' [ दे] सिर का भूषण - विशेष । चालिर वि [चालयितृ ] चलानेवाला । चलनेवाला |
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
चाली स्त्री [चत्वारिंशत् ] चालीस । चालीस स्त्रीन [ चत्वारिंशत् ] चालोस । चालुक्क पुंस्त्री [चौलुक्य ] चालुक्य वंश में उत्पन्न । पुं. गुजरात का प्रसिद्ध राजा कुमार
चास पुं [दे] हल - विदारित भूमि- रेखा, खेती । चाह सक [वाञ्छ् ] चाहना । अपेक्षा करना ।
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चिअ अ [ इव] उपमा और उत्प्रेक्षा का सूचक
अव्यय ।
चिअ वि [चित ] इकट्ठा किया हुआ । व्याप्त । पुष्ट, मांसल ।
चिअ न [ चित] ईंट आदि का ढेर । चिअ देखो चित्त = चित्त । चिआ स्त्री [ त्विष् ] कान्ति, तेज । चिआ देखो चियगा ।
पाल ।
चाव सक [ चर्व ] चबाना | चाव ' [ चाप] धनुष । चावल न [ चापल] चंचलता । चावल्ल न [ चापल्य] ऊपर देखो । चावाली स्त्री. ग्राम- विशेष | चावि वि [च्यावित ] मरवाया हुआ । चावेडी स्त्री [चापेटी] विद्या-विशेष, जिससे दूसरे को तमाचा मारने पर बीमार आदमी का रोग चला जाता है ।
चिंच
चावोणय न [चापोन्नत] विमान विशेष, चिचअ एक देव विमान ।
चास पुं [ चाष] स्वर्ण चातक, पपीहा, लह- चिचणिआ टोरवा |
चिचणिगा
याचना ।
चाहिणी स्त्री [ चाहिनी] हेमाचार्य की माता
का नाम ।
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चिइ स्त्री [चिति] उपचय, पुष्टि, वृद्धि | इकट्टा करना । बुद्धि । भीत वगैरह बनाना । चिता । कम्मन [ 'कर्मन् ] वन्दन, प्रणाम - विशेष |
चिइ देखो चेइअ |
चिइगा देखो चिया ।
चिइच्छ सक [ चिकित्स् ] दवा करना, इलाज करना । संशय करना । चिइच्छवि [चिकित्सक ] दवा करनेवाला, इलाज करनेवाला । पुं. वैद्य । चिइयचित का भू. कृ. ।
चिउर पुं [चिकुर ] केश । पीत रंग का गन्धद्रव्य-विशेष |
[मण्ड ] विभूषित करना ।
चिंचणी
चिंचणी स्त्री [] अन्न पीसने की चक्की | चिंचा स्त्री [चञ्चा] तृण की बनाई हुई चटाई वगैरह । पुरिसपुं [पुरुष] तृण का मनुष्य, जो पशु, पक्षी आदि को डराने के लिए खेतों में गाड़ा जाता है ।
चाहुआण पु[चाहुयान] चौहान वंश । पुंस्त्री. चौहान वंश में उत्पन्न ।
चिचा स्त्री [दे. चिञ्चा]] इमली का पेड़ । चिचिणिआ
चि देखो चिण ।
चिअ अ [ एव] निश्चय को बतलानेवाला चिंचिणिचिचा - स्त्री [दे] इमली का पेड़ ।
अव्यय ।
चिचिणी
}
चिचइअ वि [] चलित, चला हुआ ।
स्त्री [दे] देखो चिचिणी ।
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