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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
चाणक्क-चालण प्यार वि [°कार] खुशामदी।
चारण [दे] अन्थि-च्छेदक, पाकेटमार । चाणक्क पुं [चाणक्य] राजा चन्द्रगुप्त का | चारण पुं. आकाश में गमन करने की शक्ति
स्वनाम-प्रसिद्ध मन्त्री । एक मनुष्य-जाति । रखनेवाले जैन मुनियों की एक जाति । स्तुति चाणक्की स्त्री [चाणक्यी] लिपि-विशेष । करनेवाली भाट जाति । एक जैन मुनि-गण । चाणिक्क देखो चाणक्क।
चारणिआ स्त्री [चारणिका) गणित-विशेष । चाणूर पुं. मल्ल-विशेष ।
चारभड पुं [चारभट] शूर पुरुष, लड़वैया । चामर पुन. बाल-व्यजन । छन्द-विशेष । गाहि | चारभड पु [चारभट] लुटेरा। वि [ग्राहिन चामर बीजनेवाला नौकर ।। चारय देखो चारग। °छायण न [°च्छायन] स्वाति नक्षत्र का | चारवाय पुं [दे] ग्रीष्म ऋतु का पवन । गोत्र। ज्झय पुं [ध्वज] चामर-युक्त | चारहड देखो चारभड । पताका । °धार वि ['धार] चामर बीजने- चारहडी स्त्री [चारभटी] शौर्यवृत्ति, सैनिकवाला ।
वृत्ति । चामरच्छ न [चामरथ्य] गोत्र-विशेष । | चारागार न. कैदखाना । चामीअर न [चामीकर] सुवर्ण ।
चारि स्त्री. चारा। चामुंडराय पुं [चामुण्डराज] गुजरात का |
चारि वि [ चारिन् ] प्रवृत्ति करनेवाला ।
चलनेवाला, गमन-शील । चालुक्य वंश का एक राजा । चामुंडा देखो चाँउंडा।
चारिअ वि [चारित] जिसको खिलाया गया
हो वह । विज्ञापित, जताया हुआ । चाय देखो चय - शक । चाय देखो चाव।
चारिअ पुं [चारिक] चर-पुरुष । पंचायत का चाय पुं [त्याग] छोड़ना, परित्याग । दान । । मुखिया पुरुष, समुदाय का अगुआ। चायग । चातक चातकपक्षी ।
| चारित्त देखो चरित्त = चारित्र । चायव ।
चारित्ति देखो चरित्ति । चार सक [चारय] चराना, खिलाना। चारिया स्त्री [चर्या] आचरण, इधर-उधर चार पुं. गति, गमन, भ्रमण, परिभ्रमण । | ___ गमन, जीविका । चेष्टा । जासूस । कारागार । संचार, संचरण । अनु- | चारी स्त्री. देखो चारि = चारि । ठान, आचरण । ज्योतिष-क्षेत्र, आकाश। चारु वि. सुन्दर, प्रवर । पुं. तीसरे जिनदेव का चार पु [दे] पियाल वृक्ष, चिरौंजी का पेड़ ।। प्रथम शिष्य । न. शस्त्र-विशेष । बन्धन स्थान । इच्छा, अभिलाष । न. फल चारुइणय [चारुकिनक] देश-विशेष । वि. विशेष, मेवा-विशेष । °वकय पुं [क्रय] | उस देश का निवासी। बेचनेवाले की इच्छानुसार दाम देकर चारुणय पु [चारुनक] ऊपर देखो । खरीदना।
चारुवच्छि पु. ब. [चारुवत्सि] देश-विशेष । चारग दे [चारक] देखो चार । ["पाल] पुं. | चारुसेणी स्त्री [चारुसेनी] छन्द-विशेष । [पाल] जेलखाना का अध्यक्ष । °पालग | चाल सक [चालय् | चलाना, हिलाना, पाना। पुं [°पालक] जेलर । भंड न [ भाण्ड] | विनाश करना। कैदी को शिक्षा करने का उपकरण । 'पहिव | चालण न [चालन] चलाना, हिलाना । पुं [धिप] कैदखाना का अध्यक्ष ।
विचार । शंका, प्रश्न, पूर्वपक्ष ।
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