________________
चिडिग-चित्ता संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
३२१ न. अवस्थान, स्थिति ।
एक लोकपाल, देव-विशेष । क्षुद्र जन्तु-विशेष, चिडिग पुं [चिटिक पक्षि-विशेष ।
चतुरिन्द्रिय कीट-विशेष । °फल, °फलग, चिण सक [चि] इकट्ठा करना।
°फलय न [°फलक] तसवीरवाला तख्ता । चिण देखो चण।
°भित्ति स्त्री. चित्रवाली भीत । स्त्री की चिण देखो चित्त।
तसवीर । यर देखो °गर । °रस पुं. भोजन चिणोट्ठी स्त्री [दे] गुञ्जा।
देनेवाली कल्पवृक्षों की एक जाति । °लेहा चिण्ण वि [चीर्ण] आचरित, अनुष्ठित । अंगी- स्त्री [°लेखा] छन्द-विशेष । °संभूइय न कृत, आदृत । विहित ।
[°संभूतीय] 'उत्तराध्ययन' सूत्र का एक चिण्ह न [चिह्न] निशानी।
अध्ययन । °सभा स्त्री. तसवीरवाला गृह । चित्त सक [चित्रय] चित्र बनाना, तसवीर |
°साला स्त्री [°शाला] चित्र-गृह ।। खींचना।
चित्तंग पुं [चित्राङ्ग] पुष्प देनेवाले कल्पवृक्षों चित्त न. मन, अन्तःकरण, हृदय । ज्ञान, |
की एक जाति । चेतना । बुद्धि । अभिप्राय, आशय । उपयोग,
| चित्तग देखो चित्त = चित्र । ख्याल । °ण्णु वि [°ज्ञ] दिल का जानकार । चित्तजाणुअ देखो चित्त-ण्णु। °निवाइ वि [ निपातिन् ] अभिप्राय के | | चित्तठिअ वि [दे] परितोषित, खुश किया अनुसार बरतनेवाला । °मंत वि [°वत्] हुआ। सजीव वस्तु ।
| चित्तण न [चित्रण] चित्र-कर्म । चित्त देखो चइत्त = चैत्र ।
चित्तदाउ पुं [दे] मधपुड़ा। चित्त न [चित्र] आलेख्य, तसवीर । आश्चर्य । | चित्तपत्तय पुं [चित्रपत्रक] चतुरिन्द्रिय जीव काष्ठ-विशेष । वि. विलक्षण, विचित्र । नाना- की एक जाति । विध । अद्भत । चितकबरा। पं. एक लोक- | चित्तपरिच्छेय वि [दे] लघु, छोटा। पाल । पर्वत-विशेष । चित्रक, चीता, श्वापद | चित्तय देखो चित्त = चित्र । विशेष । चित्रा नक्षत्र । उत्त पुं [°गुप्त] चित्तयलया स्त्री [चित्रकलता] वल्लीभरत क्षेत्र के एक भावी जिनदेव । कणगा | विशेष । स्त्री [ कनका] एक विद्युत्कुमारी देवी। चित्तल वि [दे] विभूषित । रमणीय ।
कम्म न [कर्मन् ] आलेख्य, छवि । चित्तल वि [चित्रल] कबरा । पुं. जंगली °कर देखो °गर । °कह वि [°कथ] नाना पशु-विशेष । प्रकार की कथाएँ कहनेवाला । कूड [°कूट] | चित्तलि पुंस्त्री [चित्रलिन्] साँप की एक सीतानदी के उत्तर किनारे पर स्थित एक जाति । वक्षस्कार-पर्वत । पर्वत-विशेष । न. नगर- चित्तलिअ वि [चित्रलित, चित्रित] चित्रविशेष ।शिखर-विशेष । °क्खरा स्त्री[°ाक्षरा] युक्त किया हुआ। छन्द-विशेष । गर पुं[°कर] चित्रकार । गुत्ता | चित्तविअअ वि [दे] परितोषित । स्त्री गुप्ता] देवी-विशेष, सोमनामक लोकपाल | चित्तवीणा स्त्री [चित्रवीणा] वाद्य-विशेष । की एक अग्र-महिषी । दक्षिण रुचक पर्वत पर चित्ता स्त्री [चित्रा] नक्षत्र-विशेष । एक बसनेवाली एक दिक्कुमारी, देवी-विशेष । विद्युत्कुमारी देवी। शक्रेन्द्र के एक लोक°पक्ख पुं [°पक्ष] वेणु-देव नामक इन्द्र का । पाल की स्त्री, देवी-विशेष । औषधि-विशेष ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org