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गणित
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गणित विषयक प्रमाण
१००
धन व घनमूलकी प्रकिया । | विरलन देय घातांक गणितकी प्रक्रिया। भिन्न परिकाष्टक ( fraction ) की प्रक्रिया ।
शून्य परिकर्माष्टककी प्रक्रिया। | अर्द्धच्छेद या लघुरिक्थ गणित निर्देश
अर्द्धच्छेद आदिका सामान्य निर्देश। लघुरिक्थ विषयक प्रक्रियाएँ। अक्षसंचार गणित निर्देश अक्षसंचार विषयक शब्दोंका परिचय । | अक्षसंचार विधिका उदाहरण। प्रमादके ३७५०० दोषोंके प्रस्तार यन्त्र । नष्ट निकालनेकी विधि। समुद्दिष्ट निकालनेकी विधि । | राशिक व संयोगी भंग गणित निर्देश
द्वित्रि आदि संयोगी भंग प्राप्ति विधि । | त्रैराशिक गणित विधि । श्रेणी व्यवहार गणित सामान्य श्रेणी व्यवहार परिचय। सर्वधारा आदि श्रेणियोका परिचय । सर्वधन आदि शब्दोंका परिचय। संकलन व्यवहार श्रेणी सम्बन्धी प्रक्रियाएँ । गुणन व्यवहार श्रेणी सम्बन्धी प्रक्रियाएँ। मिश्रित श्रेणी व्यवहारकी प्रक्रियाएँ । | द्वीप सागरोमें चन्द्र-सूर्य आदिका प्रमाण निकालनेकी प्रक्रिया । गुणहानि रूप श्रेणी व्यवहार निर्देश गुणहानि सामान्य व गुणहानि आयाम निर्देश । गुणहानि सिद्धान्त विषयक शब्दोंका परिचय । गुणहानि सिद्धान्त विषयक प्रक्रियाएँ । कर्मस्थितिकी अन्योन्याभ्यस्त राशिएँ। षट् गुण हानि वृद्धि
-दे० वह वह नाम।
गिणित विषयक प्रमाण
१. द्रव्य क्षेत्रादिके प्रमाणोंका निर्देश
१. संख्याको अपेक्षा द्रव्यप्रमाण निर्देश (ध.५/प्र./२२) १. एक
१६. निरब्बुद ११०,०००,०००) २. दस
१७. अहह (१०,०००,०००१० ३ शत
१८. अबब (१०,००० ०००)११ ४. सहस्र
१०००
१६. अटट (१०,०००,०००)१२ ५. दस सह० १०,०००
२०. सोगन्धिक (१०,०००,०००)१३ ६. शत सह १००,०००
२१. उप्पल (१०,०००,०००)१४ ७. दसशत सहस्र १,०००,०००
२२. कुमुद (१०,०००,०००)१५ ८. कोटि १०,०००,००० है. पकोटि (१०,०००,०००)२
२३. पुंडरीक (१०,०००,०००)१६ १०. कोटिप्प
२४. पदुम (१०,०००,०००)१७ कोटि (१०,०००,०००)३ | २५. कथान (१०,०००,०००) ११ नहुत (१०,०००,०००) २६. महाकथान (१०,०००,०००)१६ १२. निन्नहुत (१०,०००,०००)५ २७. असंख्येय (१०,०००,०००)२० १३. अखोभिनी (१०,०००,०००१६ | २८ पुणट्ठी == (२५६) - ६५५३६ १४. बिन्दु (१०,०००,०००) २६. बादाल = पणट्ठी १५. अब्बुद (१०,०००,०००) । ३०. एकट्ठी -बादाल ति.प./४/३०६-३११; (रा.वा./३/३/१/३०६/१७); (त्रि.सा.२८-५१)
१. जघन्य संख्यात -२ २. उत्कृष्ट संरख्यात जघन्य परीतासंख्यात-१ ३. मध्यम संख्यात -(जघन्य +१) से (उत्कृष्ट-१) तक नोट-आगममें जहाँ संख्यात कहा जाता है वहाँ तीसरा विकल्प समझना चाहिए। ४. जघन्य परीतासंख्यात-अनवस्थित कुण्डों में अघाऊरूपसे भरे
सरसोंके दानोंका प्रमाण १६६७११२६३८४५१३१६३६३६३६३६३६३६३६३६३६३६३६
३६३६३६३ १ (दे० असंख्यात/8) ५. उत्कृष्ट परीतासंख्यात-जघन्य युक्तासंख्यात-१ ६. मध्यम परीतासंख्यातम् (जघन्य+१) से (उत्कृष्ट -१) तक ७. जघन्य युक्तासंख्यात यदि जघन्य परीतासंरख्यात के
(a
), (दे० असंरण्यात
IS)
क्षेत्रफल आदि निर्देश चतुरस्र सम्बन्धी।
वृत्त circle) सम्बन्धी। | धनुष (arc) सम्बन्धी।
वृत्तवलय (ring) सम्बन्धी। विवक्षित द्वीप सागर सम्बन्धी।
बेलनाकार (cylinderical) सम्बन्धी। ७ | अन्य आकारों सम्बन्धी।
८. उत्कृष्ट युक्तासंरख्यात -जघन्य असंख्यातासंख्यात-१ ६. मध्य युक्तासंख्यात - (जघन्य +१) से (उत्कृष्ट - १) तक १०. जघन्य असंख्याता- =(जघन्य युक्ता)जघन्य युक्ता. संख्यात
(दे० असंख्यात/६) ११. उत्कृष्ट असंख्याता० =जधन्य परीतानन्त-१ १२, मध्यम असंख्याता० = (जघन्य+१) से (उत्कृष्ट-१) तक १३. जघन्य परीतानन्त -जघन्य असंख्यातासंख्यातको तीन बार
वर्गित संवर्गित करके उसमें द्रव्यों के प्रदेशों आदि रूपसे कुछ राशियाँ जोड़ना
(दे० अनन्त१४) १४. उत्कृष्ट परीतानन्त -जघन्य युक्तानन्त-१ १५. मध्यम परीतानन्त - (जघन्य+१) से (उत्कृष्ट-१) तक
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
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