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हिन्दी-गुजराती धातुकोश छतिया अ. ना देश. (छाती संज्ञा) छाती से छरछरा अ. अनु. घाव पर क्षार लगने से पीड़ा
लगाना. तुल. गुज. छाती संज्ञा 1483 होना; कणों आदि का ‘छर-छर' करते हुए छनक स. अनु. (दे. पृ. 298, मा. हि. को- गिरना; स. जलन उत्पन्न करना. तुल. गुज.
चचर 1497 2) 'छन छन' शब्द होना; भड़कना 1484 छनछना अ. अनु. तपी हुई धातु पर जलकण
छल स. भव (सं. छलू ; प्रा. छल ; दे. इआले छोड़ने से 'छन छन' शब्द होना; कुद्ध होना;
5003) धोखा देना; ठगना. गुज. छळ 1498 'छन छन' शब्द उत्पन्न करना. गुज. छछण, छलक अ. अनु. देश. (* छलक; दे. इआले छणछण 1485
___5002 ) मुह तक भरे हुए जल या दूसरे छपक अ. अनु. (दे. पृ. 298, मा. हि. को
तरल पदार्थ का हिलने के कारण बरतन के 2) किसी चीज़ से आघात करना; थोड़े पानी
बाहर गिरना; उछलना. गुज. उल्का; तुल. में हाथ-पैर मारना 1486
गुज. छलक, छालक संज्ञा 1499 छपछपा अ. दे. 'छपक' 1487
छलछला अ. अनु. आँखों का भर आना, आद्र हो
जाना 1500 छपट अ. देश. चिपकना; आलिंगित होना 1488
छलमल अ. दे. 'छलक' 1501 छपरिहा अ. ना. देश. (छप्पर संज्ञा) छप्पर का
छहक अ. देश. (अ. व्यु. दें. पृ. 117, हि. गिरना; छप्पर से गिरना या टूटना 1489
दे. श.) चमकते हुए लहरानाः बिखरना *छब अ. ना. देश. (छबि संज्ञा) छवि से 15020 युक्त होना, सुशोभित होना 1490
छहर अ. देश. छितराना, बिखरना 1503 छम स. देश. क्षमा करना 1491
छहरा अ. दे. 'छहर' 1504 छमक अ. अनु. (दे. पृ. 300, मा. हि. को - छांग स. देश. छिन्न करना; कुल्हाडी आदि से
2) घुघरुओं आदि के बजने का शब्द होना; पेड़ आदि की शाखा काटना 1505 स. छौंकना. गुज. छमक 1492
छाँट स. देश. (* छण्ट् ; प्रा. छाँट संज्ञा; दे. छमछमा अ. अनु. (* छम्म; दे. इआलें 49- इआलें 4970) काटना; चुनना. गुज. छांट
97) 'छम-छम' शब्द करना, 'छम-छम' 'छिटकना' 1506 करते हुए चलना. गुज. छमक; तुल. छमछम छाँड़ स. दे. 'छाड़' 1507 1493
छाँद स. देश. (*छन्द; दें. इआलें 4984) छय अ. ना. देश. (छय संज्ञा) क्षय होना; स. बाँधनाः हाथों से पैर पकड़कर बैठ जाना; क्षय करना 1494
चौंपायों के पिछले दोनों पैरों को सटाकर रस्सी छर स. भव (सं. क्षर्, प्रा. खर्; दे. इआले से बांधना जिससे वह दूर जाने न पाये 1508 ___3663 तथा 4965 ) चूना; छंटना 1495 छाँध स. दे. 'छाँद' 1509 छरक अ. अनु. (दे. पृ. 300, मा. हि. को - छा अ. भव (सं. छद् प्रा. छाय् ; दे. इआले
2) किसी पदार्थ का कभी तल या धरातल 5018) ऊपर फैलना, बसना; स. ढकना; को स्पर्श करते हुए और वेग से उछलते हुए मकान पर छप्पर या खपरैल डालना. गुज. छा आगे बढ़ना.गुज. छरक 1496
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