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इसी वास्तविकता को खोजते हुए मैं काकासाहेब के पास पहुंच गई। आखिर मुझे भारत की झांकी मिली।
काकासाहेब एक आधुनिक मनीषी होते हुए, प्राचीन परम्पराओं को लेकर आगे चलते हैं। उन्होंने अपने मौलिक चिंतन से एक ताज़गी पैदा की है। काकासाहेब में कई विचारधाराएं मिलती हैं।
इसलिए उनका दृष्टिकोण संकुचित नहीं है, बल्कि विशाल विश्वदृष्टि है, जो कि विभिन्न स्तरों पर एकता और समन्वय उत्पन्न करती है।
काकासाहेब की गम्भीरता केवल सामाजिक और धार्मिक विचारों से ही प्रकट नहीं होती है। उनके सहज आचरण और क्रिया से हमें सैद्धान्तिक शिक्षाएं मिलती हैं।
मेरे विनम्र प्रणाम !
मेरे निर्माण में उनका योगदान पदमचंद्र सिंघी
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'बोम्बे स्कूल ऑफ इकनोमिक्स और सोशॉलाजी' से एम० ए० करने के उपरान्त मैं काम की खोज में था तो किसीने बताया कि काकासाहेब से मिलो, वह भारत सरकार के 'पिछड़े वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं, कुछ काम दे सकते हैं । मैं दिल्ली जाकर काकासाहेब से मिला । वह पलंग पर बैठे थे और उनके पास कुर्सी पर एक महिला बैठी थीं। पलंग पर पुस्तकें बिखरी थीं और पास ही मेज पर तथा रैक पर पुस्तकें-ही-पुस्तकें। कमरे में दीवारों से सटाकर कुछ आलमारियां थीं, उनमें भी पुस्तकें भरी थीं।ऐसा लगा, मानो मैं एक गुरुकुल में पहुंच गया हूं। काकासाहेब को प्रणाम किया। उन्होंने मेरा परिचय पास बैठी हुई महिला से करवाया, जिनका नाम कुमारी सरोजनी नानावटी था। कमरे में ऐसी शांति और पवित्रता का अनुभव हो रहा था, जो मैंने पहले कभी अनुभव न की थी। काकासाहेब ने कुछ औपचारिक प्रश्न पूछे और उसके बाद चर्चा का रुख बराबर अनौपचारिक होता गया। दिन-भर उन्हीं के पास रहा, और बातचीत करता रहा या काकासाहेब के पास मिलने आनेवाले लोगों के वार्तालाप को ध्यान लगाकर सुनता रहा। शाम को आकर अपने निवास-स्थान पर सोया। प्रातः पुनः उनके पास गया और फिर वही बातचीत करने का या सुनने का क्रम चलता रहा। शाम के समय काकासाहेब ने कहा, "तुम्हें मैं पिछड़े वर्ग कमीशन में काम दे सकता हूं। कितना वेतन चाहिए ?"
मैंने कहा, "मैं अविवाहित हूं, और परिवार का कोई उत्तरदायित्व मुझ पर नहीं है। केवल २५० रुपया पर्याप्त होगा।"
काकासाहेब बोले, "मेरे पास कमीशन में इस प्रकार का कोई पद नहीं है। जो पद हैं वे ३०० रुपये से ८०० रुपये तक की वेतन-शृखला के हैं।"
मैंने कहा, "मुझे केवल २५० रुपये चाहिए।" ।
काकासाहेब ने कहा, "ठीक है। मैं सरकार को लिखूगा कि आप स्वेच्छा से अपने वेतन में से ५० रुपये प्रतिमाह कटौती करना चाहते हैं। आप कल से कार्य प्रारम्भ कर सकते हैं।"
व्यक्तित्व : संस्मरण / ७९