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________________ १८ जून, १९०८ माताजी का स्वर्गवास लोकमान्य तिलक को ६ वर्ष के कारावास की सजा इंग्लैण्ड में कर्जन वायली की हत्या | २३ जून, १९०१ प्रथम पुत्र शंकर (सतीश) का जन्म बम्बई में एल-एल० बी०, द्वितीय वर्ष में प्रवेश । मराठी दैनिक 'राष्ट्रमत' में कार्यारंभ। वहां दत्तोपंत आप्टे, वीर बामनराव गोपालराव ओगले, हरिभाऊ फाटक, स्वामी आनन्द आदि साथी थे। गंगाधरराव देशपाण्डे सबके अगुआ । १९१० : नासिक केस । पिताजी की मृत्यु । टॉल्स्टॉय की मृत्यु । सरकार ने 'राष्ट्रमत' बन्द किया। हेली का धूमकेतु दीखा। १६१०-१९११] गंगनाथ विद्यालय ( बड़ौदा ) के आचार्य। १९११ के दिल्ली दरबार के बाद विद्यालय बन्द पुर्तगाल में रिपब्लिक की स्थापना । १९१२ : हिमालय की ओर प्रयाण । द्वितीय पुत्र बाल का जन्म, २१ मई, १६१२ । चीन में रिपब्लिक की स्थापना । हिमालय की यात्रा - कलकत्ता, अयोध्या, अल्मोड़ा, गंगोत्री, जमनोत्री, केदार, बद्री, हरिद्वार, लाहौर, रावलपिण्डी, काश्मीर, अमरनाथ, श्रीनगर, जम्मू, ऋषिकेश, टिहरी, देहरादून। १० दिसम्बर १९१२: दिल्ली में लॉर्ड हार्डिंग पर बम फेंका गया। बीमारी के कारण देहरादून रहे। १९१३ ऋषिकुल, हरिद्वार के मुख्य अधिष्ठाता मुजफ्फरनगर, नेपाल की यात्रा शान्तिनिकेतन देखने " गये – पहली बार | - १९१४: प्रथम विश्वयुद्ध छिड़ा लोकमान्य तिलक छूटे। गिरिधारी कृपालानी के साथ शान्तिनिकेतन में रहे। १९१४-१९१५ : छः महीने ब्रह्मचर्याश्रम, सिंध में । फिर शान्तिनिकेतन । १९१५ : फरवरी - शान्तिनिकेतन में गांधीजी आये। उनके साथ भेंट हुई। १६ फरवरी, गोखलेजी का स्वर्गवास । कृपालानी को पत्र लिखकर गांधीजी से मिलने बुलाया । शान्तिनिकेतन में मगनलाल गांधी, मगनभाई पटेल, मणिलाल, रामदास देवदास, प्रभुदास, कृष्णदास, जमुनादास गांधी, हरिहर शर्मा चिन्तामणि शास्त्री भीमराव शास्त्री आदि थे। ६ मार्च, गांधीजी पुनः शान्तिनिकेतन आये। शान्तिनिकेतन में ४० दिन तक स्वावलम्बन चला । ४ मार्च, रविबाबू की रचना 'फाल्गुनी' सुनी। ३१ मार्च, गांधीजी की फिनिक्स पार्टी हरिद्वार गई । २५ मई, कोचरब में आश्रम की स्थापना । ३ जून, रवीन्द्रनाथ ठाकुर को 'सर' की उपाधि मिली। अप्रेल-मई, ब्रह्मदेश की यात्रा | वापस बम्बई । दिसम्बर में बम्बई में कांग्रेस अधिवेशन वहां गांधीजी से फिर मिले। १९१६ : सयाजीपुरा, बड़ौदा में । ग्रामसेवा, को-ऑपरेटिव डेरी, 'आत्मधर्म' मासिक के संचालन में 'सहायता ( तीन वर्ष तक ) । वहां से कोचरब आश्रम में, एक महीने के लिए । बेलगाम में प्रान्त की राजनैतिक परिषद्, लोकमान्य की अध्यक्षता में ४ फरवरी हिन्दू विश्वविद्यालय में गांधीजी का भाषण । लखनऊ कांग्रेस हिन्दू-मुस्लिम समझौता । 1 १९१७ फीजी में प्रचलित गिरमिटिया पद्धति बन्द की गई १० अप्रैल, चम्पारन जाते समय मार्ग में बड़ौदा स्टेशन पर गांधीजी काकासाहेब से मिले और उन्होंने आश्रम की शाला में सम्मिलित होने का निर्णय अन्तिम रूप से किया। आश्रम की शाला से जुड़े शिक्षा परिषद्, भड़ौच के लिए राष्ट्रभाषा हिन्दी के विषय में लेख लिखा । अहमदाबाद में मजदूरों की हड़ताल ( धर्मयुद्ध ) । सिंध की यात्रा में गांधीजी के साथ | 1 १९१८ : हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इन्दौर में गांधीजी के साथ । गोधरा परिषद् । १९१९ : रौलेट कानून । पंजाब, गुजरात आदि स्थानों में दंगे । ३१० | समन्वय के साधक
SR No.012086
Book TitleKaka Saheb Kalelkar Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashpal Jain and Others
PublisherKakasaheb Kalelkar Abhinandan Samiti
Publication Year1979
Total Pages336
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size11 MB
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