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________________ अज्ञात - नाम कर्तृक-व्याकरण श्री डा० बनारसीदास जैन एम० ए०, पीएच० डी० जिस व्याकरणके कुछ सूत्र नीचे उद्धृत किये जाते हैं, उसका न तो नाम मालूम है और न कर्ता । इसके प्रारंभके केवल १०५ सूत्र उपलब्ध हुए हैं जो एक ताड़-पत्रीय प्रतिके पहले और दूसरे पत्र प नेवारी अक्षरों में लिखे मिलते हैं । यह प्रति नेपाल देशके कठमांडू भंडारमें सुरक्षित है । इसके कुल १६ पत्र हैं । पहले दो पत्रों पर प्रस्तुत व्याकरणका अंश और शेष १४ ( ३- १६ ) पत्रों पर पुरुषोत्तमकृत प्राकृतानुशासनके अन्तिम १८ (३-२० ) अध्याय लिखे हुए हैं । समग्र प्रति एक ही हाथकी लिखी हुई प्रतीत होती है । ऐसा जान पड़ता है कि इस प्रतिमें दो व्याकरणोंके पत्र मिश्रित हो गये हैं- अज्ञात नाम व्याकरण के प्रथम दो और प्राकृतानुशासन के अंतिम चौदह । एक हो हाथके अक्षर होनेसे यह भूल निवारण नहीं हो सकी । प्रतिके अन्त में लिपिकाल नेपाली सं० ३८५ ( वि० सं० १३२२ ) दिया है । इससे यह नहीं कहा जा सकता कि पहले किस व्याकरणकी लिपि हुई । नेपाल- नरेशकी आज्ञा से इस प्रतिके फोटो बनवाये गये । एक सैट विश्व भारती शान्तिनिकेतन को भेजा गया, दूसरा फ्रांस में पैरिसकी लायब्रेरी को । वहांसे प्रो० लुइज्या नित्त दोलची ने इस प्रतिका संपादन किया जो सन् १९३८ में प्रकाशित हुआ । सन् १६३६ में महायुद्ध छिड़ जानेसे यह पुस्तक । भारत में आने से रुकी रही। अभी पिछले वर्ष ही लाहौर आयी है ज्ञान नहीं था । यदि अज्ञात - नाम व्याकरणका लिपिकाल भी सं० यह व्याकरण सं० १३२२ से पहले की रचना है, तथा प्रचार होगा । इससे पूर्व इन व्याकरणों के अस्तित्वका १३२२ हो, तो इससे सिद्ध होता है कि नेपालमें किसी समय प्राकृतका अच्छा इस लेख के द्वारा जैन विद्वानोंका ध्यान जाता है ताकि वे इसकी पूर्ण प्रति ढूंडनेका प्रयत्न जिनका संसारमें नाम तक प्रकट नहीं हुआ है । अज्ञात नाम प्राकृत व्याकरणकी ओर आकर्षित किया करें । जैन भंडारों में अब भी कई ऐसे ग्रंथ सुरक्षित हैं 1 १. “ली प्राकृतानुशासन डी पुरुषोत्तम पर लिंगिअ नित्ती - डोल- पेरिस ” १९३७ पृ १४१ मूल्य १० शिलिंग । इसमें अज्ञात - नाम कर्तृक व्याकरणका उपलब्ध अंश प्रकाशित किया गया है । ५६ ४४१
SR No.012085
Book TitleVarni Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKhushalchandra Gorawala
PublisherVarni Hirak Jayanti Mahotsav Samiti
Publication Year1950
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size19 MB
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