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________________ ४१ सक्कीनगर ( बन्नू देश ) १७०९ ४२ मेहरा १७२२ ४३ थट्टा ४४ कंडवारा ४५ गाजीपुर ४६ जालिपुर करायी गयीं। यथा क्र० स्थान १ मुलतान २ मारोठ ३ सरसा ४ भेहरा ५ सीतापुर ६ हाजीखानडेरा 2 खारवारा ८ उच्चनगर ६ शीतपुर १० किरहोर श्री जिनचन्द्र सूरि रामचन्द्र ११ देवराजपुर १२ मोजगढ़ १३ बाहालपुर १४ लमानगर १५ बांगा १६ लुधियान १७ बन्नू " १६९९ श्रावक लखमसी १७५५ श्री जिनचन्द्रसूरि १७१८ १७५५ ॐ जनसमुद्र सूरिं "" समरथ ग्रन्थ प्रतिलिपियोंके कतिपय स्थान इनके अतिरिक्त ऐसे स्थानों की भी प्रचुर मात्रा है जहां पर अनेक ग्रन्थों की प्रतिलिपियां "" काल (वि० सं०) १६४३-१६५६ १६३९ - १६१५ १७३१-१८७७ १७३२-१७७७ १६६३ १६७५-१८७३ १७४४ १६४९ - १७१५ १६७८ १६८४-१७१३ १६१७–१६६३ १७४८-१८७८ १८४३ - १८५४ १८०४ १८०१-१८८२ १८५५ १७४५-१७६१ प्राचीन सिंध प्रान्त में जैनधर्म ग्रन्थरचना (श्रौरंगशाह के राज्य में ) सामुद्रिकभाषा ग्रन्थ रचना, आदि त्रिलोकसुन्दरी मंगलकलश भीमसेन चौ० १ 'नाहटा ग्रन्थभण्डार' में संकलित ग्रन्थोंके आधारपर । २६३ ग्रन्थ रचना रसिकप्रियापरटीका ग्रन्थ संख्पा ५९ ५६ १४ २ १ १० १ १ २ २ १७ २ १० १ ,, २ "
SR No.012085
Book TitleVarni Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKhushalchandra Gorawala
PublisherVarni Hirak Jayanti Mahotsav Samiti
Publication Year1950
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size19 MB
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