SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 349
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ वर्णी-अभिनन्दन-ग्रन्थ महावीर १६४६ १६ निश्चिन्दीपुर १४८४ सुल्तानके दीवानको धर्मापदेश २० तलपाटक (तलवाड़ा) संघयात्रा बिहार विनय २१ मलिकवाहणपुर ,, चतुर्मास, ग्रन्थरचना २२ कंगदक दुर्ग (कांगड़ा) आदिनाथ मन्दिर बन्दना २३ गोपाचलपुर शान्तिनाथ " " २४ कोटिलग्राम पार्श्वनाथ , , २५ कोठीपुर २६ देवपालपुर प्रवेशोत्सव, चतुर्मास २७ हिसार १५४७ श्री क्षेमराज उपाध्याय उपदेश स० ग्रन्थादि रचना २८ मुलतान' , जिनचन्द्र सूरि ग्रन्थ रचना, धर्मयात्रा, आदि २६ कसुरपुर १६४७ विहार ३० लाहौर १६४८ श्री वाचक महिमराज शान्ति स्तवन, चतुर्मास, ग्रन्थरचना ३१ हापाणई ,, जिनचन्द्रसूरि विहार ३२ काश्मीर (गजनी गोलकुंज) ,, ,, बाबा मानसिंह ३३ रोहतासपुर ३४ श्रीनगर ,, (लौटते समय) ३५ चन्दुवैलि पत्तन १६५२ श्री जिनचन्द्र सूरि ,, धर्मोत्सव ३६ तोसामपुर १६५६ उपाध्याय गुणविनय ग्रन्थरचना ३७ हाजी खानडेरा १६६० श्री यशकुशल सूरि स्वर्गवास, ग्रन्थरचना ३८ शीतपुर ( सिद्धपुर) १६६९ , समयसुन्दर उपाध्याय धर्मप्रचार, ग्रन्थर चना ३६ किरहोर १६९२ विमलकीर्ति स्वर्गारोहण ४० सामुही १६९४ ग्रन्थरचना १. श्री धर्मप्रमोदने चैत्यबन्दन भाष्यवृत्ति तत्त्वार्थ दीपिका (१६४६), कनकसोमने मंगलकलश चो० (१६४८), श्री जयनिधानने सुरप्रियरास (१६६५), पद्मराजने क्षुलक चौ० तथा स्तवन (१६६७), समयसुन्दरने मृगावती रास तथा कर्मछत्तीसी (१६६८), ज्ञानचन्द्रने ऋषिदत्ता चौ० (१६७४), राजहंसने विजयसेठ चौ० (१६८२), विमलकीर्तिने प्रतिक्रमण ग० स्तवन (१६८०), जिन समुद्रसूरिने आतमकरणी संवाद (१७११), सुमतिरंगने मोहविवेक चौ० (१७२२), हरिकेश चौ० (१७२७), तथा जम्बू चौ० (१७२९), रंगप्रमोदने चपक चौ० (१७१५), विनयलाभने वच्छराज चौ० (१७३७) धर्ममन्दिरने दयादीपिका चौ० (१७४०) मोहविवेकरास (१७४१) तथा परमात्मप्रकाश चौ० (१७४२), देवचन्द्रने धर्मदीपिका चौ० (१७६६) तथा मायान्यायने नवतत्त्व भगवानी-स्तवन बनाया। २६२
SR No.012085
Book TitleVarni Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKhushalchandra Gorawala
PublisherVarni Hirak Jayanti Mahotsav Samiti
Publication Year1950
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy