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महोपाध्याय समयसुन्दर : व्यक्तित्व एवं कृतित्व ५.२.२१० मेरउ गुरु जिणचंदसूरि।
- विहरमान-वीसी स्तवनाः (१३) ५.२.२११ मेरा साहिब हो श्री शीतलनाथ की।
- सीताराम-चौपाई (३.५) ५.२.२१२ मेरी बहिनी सेतुंज भेटुंगी।
- श्री नेमिराजुल गीतम् ५.२.२१३ मेरे अरहना।
- थावच्चासुत ऋषि-चौपाई (१.८) ५.२.२१४ मोडिआ नी।
-द्रौपदी-चौपाई (१.१०) ५.२.२१५ मो मनडउ हे डाल हो मिश्री ठाकुर महि दरउ।
- थावच्चासुत ऋषि-चौपाई (२.१) ५.२.२१६ मोरा साहिब हो श्री शीतलनाथ कि वीनति सुणउ एक मोरड़ी।
- श्री इलापुत्र गीतम् ५.२.२१७ मोरो मन मोह्यो हण डूंगरे, मरुदेवी माता जी इम भणे।।
- चार प्रत्येकबुद्ध-रास (३.१२) ५.२.२१८ मोहना
- मृगावती चरित्र-चौपाई (३.१०) ५.२.२१९ यादवरायउ रंग लागउ जी।
- शांब-प्रद्युम्न-चौपाई (१७) ५.२.२२० योगना-नी।
- गणधरवसही आदि जिन स्तवनम् (४); चार प्रत्येकबुद्ध रास (३.१३) ५.२.२२१ राजा जो मिले।
- चम्पकवेष्ठि-चौपाई (१.३) ५.२.२२२ राजा नी कुमरी ए चाल।
- पुण्यसार-रास (३) ५.२.२२३ राजिमती राणी इण परि बोलइ, नेमि विणा कुण घूघट खोलइ।
- थावच्चासुत ऋषि-चौपाई (२.८); सीताराम-चौपाई (३.२);
केशीप्रदेशी प्रबन्ध (३); श्री मंगलोर मंडण नवपल्लव
__पार्श्वनाथ भास; श्री अंजना सुन्दरी सती गीतम् ५.२.२२४ रातड़ी नइ रमी नइ किहां थी आवीया।
- मृगावती-चरित्र-चौपाई (२.५)
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