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५.२.१९५ मनकउ प्यारउ मनकउ प्यारउ।
- चार प्रत्येकबुद्ध-रास (२.१) ५.२.१९६ मन जाणइ के सिरजणहार।
-विहरमान वीसी स्तवनाः (१०) ५.२.१९७ मनडं रे उमाटो मिलवा पुत्र ने रे।
- चम्पकश्रेष्ठि-चौपाई (२.७); धनदत्त-चौपाई (६);
द्रौपदी-चौपाई (१.१२) ५.२.१९८ मरुराय नरवर तेडउ रे साहिबा।
- नलदवदन्ती-रास (२.२) ५.२.१९९ महावीर जी देसणा।
- चार मंगल गीतम् ५.२.२०० मांगी तुंगी रे बलभद्र जइ रह्या रे।
- श्री द्रौपदीसती भास ५.२.२०१ मांझी रे बाबा वीर गोसाई।
- सीताराम-चौपाई (५.५) ५.२.२०२ माछीयड़ा।
- अनाथी मुनि गीतम् ५.२.२०३ माता जी धन ते नर नारी।
- चार प्रत्येकबुद्ध-रास (४.७) ५.२.२०४ मारग में आंबो मिल्यो।
- चम्पकवेष्ठि-चौपाई (१.४) ५.२.२०५ मुझ नइ चार सरणा होज्यो।
__ - नलदवदन्ती-रास (४.३); मृगावती-चरित्र-चौपाई (२.११) ५.२.२०६ मुनि मेघकुमर पछतावइ पाइ लागी वीर खमावइ।
- मृगावती-चरित्र-चौपाई (२.९) ५.२.२०७ मुनिसर भलउ कोई।
- चार प्रत्येकबुद्ध-रास (१.९) ५.२.२०८ मेघमुनि काई डमडोले।
- चार प्रत्येकबुद्ध-रास (४.५) ५.२.२०९ मेतारिज मुनिवर बलिहारी तोरे नाम।
-- साधु-वन्दना-रास (८)
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