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महोपाध्याय समयसुन्दर : व्यक्तित्व एवं कृतित्व ५.२.१८१ भमरली-री।
- नलदवदन्ती-रास (४.५) ५.२.१८२ भमरा-नी।
- द्रौपदी-चौपाई (२.५); शांब-प्रद्युम्न-चौपाई (१९); मृगावती
चरित्र-चौपाई (१.११); श्री प्रसन्नचन्द्र राजर्षि गीतम् ५.२.१८३ भरत थयो ऋषिराय रे।
-- सीताराम-चौपाई (५.७) ५.२.१८४ भरत नृप भाव सुंए।
– धनदत्त-चौपाई (९); वस्तुपाल-तेजपाल रास (१) ५.२.१८५ भरत यात्रा भणी ए।
- श्री जिनसागरसूरि गीतानि (९) ५.२.१८६ भलु रे कीधुं सामी नेमकुमारा।
- श्री महावीर देव गीतम् ५.२.१८७ भलु रे थयुं म्हाइ पूज जी पधार्या ।
- श्री नेमिनाथ गीतमः श्री महावीर देव गीतम;
श्री जिनसागरसूरि गीतानि (१०) ५.२.१८८ भव्य तणे परिपाक।
- साधु-वन्दना-रास (४) ५.२.१८९ भावन-री।
- नलदवदन्ती-रास (२.४) ५.२.१९० भीली-नी।
- श्री गौतमस्वामी गीतम् ५.२.१९१ मंइ वहरागइ संग्रह्यउ।
- सिंहलसुत-चौपाई (७) ५.२.१९२ मंगल कमला नी।
- साधु-वन्दना-रास (१७) ५.२.१९३ मदन मदं वासउ माहव मांडियउ रे।
- सिंहलसुत-चौपाई (११) ५.२.१९४ मधुकर-नी।
- दानशीलतपभाव-संवाद-शतक(१); चम्पकवेष्ठि-चौपाई (१.६);
मृगावतीचरित्र-चौपाई (१.४); श्री उदयन राजर्षि गीतम्
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