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महोपाध्याय समयसुन्दर : व्यक्तित्व एवं कृतित्व ५.२.७० गौतम स्वामी समोसर्या।
- द्रौपदी-चौपाई (१.१) ५.२.७१ घड़ी घड़ी रुसणउ।
- नलदवदन्ती-रास (२.३) ५.२.७२ घरि आव रे मनमोहन घोटा।
- सीताराम-चौपाई (१,११) ५.२.७३ चंद नगरी दीपती जी।
- शाब-प्रद्युम्न चौपाई (१.१०) ५.२.७४ चंदायणा नीपज दूहे दूहे।
- सीताराम-चौपाई ५.२.७५ चंदप्रभ भेट्यउ रे मइं चंदवारि।
– विहरमान वीसी स्तवनाः (११) ५.२.७६ - चंद्राउला-नी
– नलदवदन्ती रास (२.१); श्री जिनचन्द्रसूरि चन्द्राउला गीतम् ५.२.७७ चउवीसमउ जिणराय रंगे पणमिय।
- उपधानतप स्तवनम् ५.२.७८ चढ्यउ रण जूझिवा चंडप्रद्योत नृप।
- सीताराम-चौपाई (६.१) ५.२.७९ चतुर सनेही रे मेरे लाल।
- नलदवदन्ती-रास (६.८) ५.२.८० चरण करण घर मुनिवर वंदियइ ए।
- गौतम-पृच्छा चौपाई (४); क्षुल्लक ऋषि रास (४); चम्पकश्रेष्ठि
चौपाई (१.२); शाम्ब-प्रद्युम्न चौपाई (२०); द्रौपदी-चौपाई (२.१०) ५.२.८१ चरणाली चामुंडा रणि चढइ।
- द्रौपदी-चौपाई (२.५); सीताराम-चौपाई (२.३);
गणधरवसही आदि जिन स्तवन (१०) ५.२.८२ चितोड़ी री राजा रो।
- चार प्रत्येक-बुद्ध रास (१.७) ५.२.८३ चेति चेतन करि।
- सीताराम चौपाई (४.५); दान-शील-तप-भाव-संवाद-शतक (५);
थावच्चासुत-ऋषि चौपाई (१.६); पौषध-विधि गीतम् (४);
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