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________________ ४१० महोपाध्याय समयसुन्दर : व्यक्तित्व एवं कृतित्व ५.२.७० गौतम स्वामी समोसर्या। - द्रौपदी-चौपाई (१.१) ५.२.७१ घड़ी घड़ी रुसणउ। - नलदवदन्ती-रास (२.३) ५.२.७२ घरि आव रे मनमोहन घोटा। - सीताराम-चौपाई (१,११) ५.२.७३ चंद नगरी दीपती जी। - शाब-प्रद्युम्न चौपाई (१.१०) ५.२.७४ चंदायणा नीपज दूहे दूहे। - सीताराम-चौपाई ५.२.७५ चंदप्रभ भेट्यउ रे मइं चंदवारि। – विहरमान वीसी स्तवनाः (११) ५.२.७६ - चंद्राउला-नी – नलदवदन्ती रास (२.१); श्री जिनचन्द्रसूरि चन्द्राउला गीतम् ५.२.७७ चउवीसमउ जिणराय रंगे पणमिय। - उपधानतप स्तवनम् ५.२.७८ चढ्यउ रण जूझिवा चंडप्रद्योत नृप। - सीताराम-चौपाई (६.१) ५.२.७९ चतुर सनेही रे मेरे लाल। - नलदवदन्ती-रास (६.८) ५.२.८० चरण करण घर मुनिवर वंदियइ ए। - गौतम-पृच्छा चौपाई (४); क्षुल्लक ऋषि रास (४); चम्पकश्रेष्ठि चौपाई (१.२); शाम्ब-प्रद्युम्न चौपाई (२०); द्रौपदी-चौपाई (२.१०) ५.२.८१ चरणाली चामुंडा रणि चढइ। - द्रौपदी-चौपाई (२.५); सीताराम-चौपाई (२.३); गणधरवसही आदि जिन स्तवन (१०) ५.२.८२ चितोड़ी री राजा रो। - चार प्रत्येक-बुद्ध रास (१.७) ५.२.८३ चेति चेतन करि। - सीताराम चौपाई (४.५); दान-शील-तप-भाव-संवाद-शतक (५); थावच्चासुत-ऋषि चौपाई (१.६); पौषध-विधि गीतम् (४); Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012071
Book TitleMahopadhyaya Samaysundar Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabh
PublisherJain Shwetambar Khartargaccha Sangh Jodhpur
Publication Year
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size19 MB
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