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________________ समयसुन्दर की रचनाओं में साहित्यिक तत्त्व ऊलालानी । ५.२.२६ ऋषभदेव मोरा हो । ऋषभ प्रभु पुजीयई । एउ-एउ चन्द्रानन जिणचंद नमो । एक दिन नमि राजा नउ हाथी छूटउ अति मदमस्त थकउ । ५.२.२७ ५.२.२८ ५.२.२९ ५.२.३० ५.२.३१ ५.२.३२ ५.२.३३ ५.२.३४ ओलगडी । ५.२.३५ ५.२.३६ ५.२.३७ ५.२.३८ एक दिवस कोइ मागध आयउ पुरदंर पासि । एक पुरुष सामल सुकलीणउ । एक लहर ल्यइ गोरत्या रे । सीताराम - चौपाई (५.७); पुण्यसार - रास (८) - मृगावती - चरित्र - चौपाई (२.२) कपूर हुवई अति ऊजलुं रे । Jain Education International ४०७ - विहरमान वीसी स्तवना: (७) ------ ases पूजि पधारिस्य । कइयइ मिलस्यइ मुनिवर एहवा । कनड़उ, ठमकि ठमकि पाय पावरी बजाइ, गजगति बांह लुडावर रंग भीनी ग्वालणि आवइ । - शत्रुञ्जय - रास (६) - नलदवदन्ती - रास (६.७) - नलदवदन्ती - रास (६.१) - नलदवदन्ती - रास (६.६) - सीताराम - चौपाई (२.६); मृगावतीचरित्र चौपाई (१.१२) गणधरवसही आदि जिन स्तवन (३) - उपधानतप-स्तवन For Private & Personal Use Only - सीताराम - चौपाई (२.१) - - • शुद्ध श्रावक दुष्कर मिलन गीतम् - वल्कलचीरी - रास (७) - - पुण्यसार रास ( ६ ) ; सीताराम - चौपाई (४.७); दान-शीलतप - भावना - संवाद शतक ( ४ ); साधु- वन्दना रास (१०), शब- प्रद्युम्न चौपाई (१०); जीव- प्रतिबोध गीतम्, श्री शालिभद्र गीतम. www.jainelibrary.org
SR No.012071
Book TitleMahopadhyaya Samaysundar Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabh
PublisherJain Shwetambar Khartargaccha Sangh Jodhpur
Publication Year
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size19 MB
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