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________________ श्री अभिधान राजेन्द्र कोश और उसके कर्त्ता । ५३ रग' (नरक) शब्द पर नरक की व्याख्या, मेद, नरक के दुःखों का वर्णन, नरक के अनेक प्रकार के स्वरूप आदि दिये हैं । 6 " तपस ' ( तप ) शब्द पर तपस्या क्या चीज है, अनशनत्रत तप कैसे होता है । बाल और आभ्यंतर तप पर विवेचन, तप किस प्रकार करना चाहिये इस पर अच्छा प्रकाश है । ' तित्थयर ' ( तीर्थंकर ) शब्द पर तीर्थंकर की व्युत्पत्ति और इसका विवेचन दिया है। तीर्थकरों के अतिशय, तीर्थंकरों के अंतर, तीर्थंकरों के आदेश, आवश्यक आदि दिये हैं । तीर्थंकरो के इंद्रों द्वारा किये गये उत्सव आदि का वर्णन सुंदर ढंग से दिया है । तीर्थंकर नाम, चक्रवर्ती, बलदेव, वासुदेव, प्रतिवासुदेव, तीर्थोत्पत्ति, दीक्षाकाल आदि दिये हैं । तीर्थकरों के पूर्व भवों का वर्णन, श्रावक - संख्या, गणधरों की संख्या, मुनियों की संख्या आदि विषयों पर सुंदर विवेचन किया है । " धम्म ' ( धर्म ) शब्द पर धर्म शब्द की व्याख्या, लक्षण, व्युत्पत्ति, धर्म के मेदप्रमेद, धर्म के चिन्ह, धर्माधिकारी, धर्मरक्षक, धर्मोपदेश का विस्तार आदि सुंदर रूप से विषय का प्रतिपादन किया है । इस चौथे भाग में अनेक शब्दों पर कथा या उपकथायें आदि भी दी हैं जिससे विषय का प्रतिपादन आदि अच्छे ढंग से हो गया है । अभिधान राजेन्द्र कोष का पांचवा भाग | पांचवें भाग का प्रारंभ 'प' अक्षर से किया गया है और 'मोह' इस शब्द पर पांचवें भाग की परिसमाप्ति हुई है । इस भाग में १६२७ पृष्ठसंख्या है । इस भाग में प, फ, ब और भ केवल इन चार अक्षरों के शब्दों पर ही पूरा विवेचन किया है जिसमें 'प अक्षर से प्रारंभ होनेवाले शब्दों पर ११४० पृष्ठों में विस्तार रूप से " प्रकाश डाला है । अब इस भाग में प्रधान विषयों पर जो विवेचन किया है उन शब्दों का कुछ २ वर्णन नीचे दिया जा रहा है ताकि इस भाग की जानकारी में पाठकों को सरलता मिल जाय: - , पच्चक्खाण ( प्रत्याख्यान ) इन शब्द पर अहिंसा आदि दश प्रत्याख्यानों पर सुंदर विस्तार, प्रत्याख्यानों की विधि, दानविधि, प्रत्याख्यानशुद्धि, प्रत्याख्यानों की छः विधि, ज्ञानशुद्धि, श्रावक का प्रतिक्रमण, प्रत्याख्यान का फल आदि अनेक विषय प्रतिपादित किये हैं । 6
SR No.012068
Book TitleRajendrasuri Smarak Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindrasuri
PublisherSaudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
Publication Year1957
Total Pages986
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size26 MB
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