________________
22
स्वर्ण जयन्ती गौरव-ग्रन्थ
उपसंहार : प्रत्याशा
संस्थान में शोधार्थियों के निवास हेतु सुविधा उपलब्ध है। वाचनालय समूह है। वातावरण शांत और कोलाहल रहित है। शहरी तनावों और व्यस्तताओं से मुक्त है। आवश्यकता है कि जैन समाज की सम्बद्ध संस्थाएँ आकर्षक शोधवृत्ति उपलब्ध कराकर शोद्यार्थियों को आकर्षित करें तथा सर्व प्रयास कर प्राकृत भाषा को केन्द्रीय प्रतियोगी परीक्षा में एक विषय के रूप में स्वीकृत करवाने के भगीरथ प्रयास किये जावें ताकि शोधार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित होने का अवसर मिले।
भ. महावीर की अहिंसा की अवधारणा अत्यंत व्यापक है जो व्यवहारिक जीवन का अंग बनना चाहिये। म. गांधी ने राजनैतिक स्तर पर स्वतंत्रता की प्राप्ति हेतु अहिंसा का सफल प्रयोग किया। वैशाली वासियों के जन-जीवन में धार्मिक सहिष्णुता, अविरोध, समभाव, नैतिक मर्यादाओं के सूत्र विद्यमान हैं। आवश्यकता उन विधियों, तरीकों एवं प्रणालियों की खोज करने की है जो जीवन के हर मोड़ पर अहिंसा की अनुभूति करा सके। इसी में लोक कल्याण निहित है। शोध संस्थान इस दिशा में सार्थक प्रयास करेगा, ऐसी आशा है। संस्थान का स्वर्ण जयंति महोत्सव भावी विकास हेतु मील का पत्थर या प्रकाश स्तंभ सिद्ध हो यही कामना है।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org