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जैनदर्शन में जीव और पर्यावरण चेतना
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17. बहुनामात्मनामुवभोगहेतुत्वेन साधारण शरीरं यतो भवति तत्साधारणशरीरणाम्। सर्वार्थसिद्धि-आ.
पूज्यपाद-अष्टम् अध्याय, ग्यारहवाँ सूत्र पृ.-305, भा. ज्ञानपीठ, नई दिल्ली-2006 साधारणाहारादि पर्याप्ति चतुष्टय जन्ममरण प्राणापानानुग्रहोपद्याताः साधारण जीवाः। यदैकस्याहारशरीरेन्द्रियप्राणापान-पर्याप्ति-निर्वृत्तिः तदैवानन्तानाम .......... तत्वार्थ वार्तिकआ. अकलंकदेव, अष्टम् अध्याय, ग्यारहवाँ सूत्र, पृ.-578, भा. ज्ञानपीठ प्रकाशन, नई
दिल्ली, तृतीय संस्करण-1993 19. डॉ. राजाराम जैन-अहिंसा एवं पर्यावरण संरक्षण सिद्धान्तों का अक्षय स्रोतः जैनधर्म तथा
लोकनायक वर्द्धमान महावीर, मोहनलाल चन्द्रवती जैन चैरिटेबिल ट्रस्ट, नई दिल्ली, पृ.-204
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