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________________ पर्यावरण संतुलन और जैन सिद्धान्त द्वारा सिद्ध हुआ है। यह जैन सिद्धान्त के समर्थन में एक और प्रमाण है। ध्वनि प्रदूषण निवारण- ध्वनि प्रदूषण यंत्रीकरण, नगरीकरण और दिखावे की देन है। जैन संस्कृति भोगवाद की विरोधी है। भोग के कारण ही आधुनिक यंत्रों का विस्तार हुआ है। नगरों की विस्तृत दूरियाँ वाहन प्रयोग का प्रमुख कारण है। व्यक्तिवादी अहम् इतना अधिक है कि व्यक्ति सार्वजनिक वाहनों के स्थान पर निजी वाहनों का प्रयोग करना अपनी शान समझता है। इसके दोहरे दुष्परिणाम निकलते हैं- एक तो ध्वनि प्रदूषण दूसरा वायु प्रदूषण । दिखावा इतना अधिक बढ़ गया है कि रैलियों, जलसों, सभाओं, गोष्ठियों, भजन-कीर्तन संध्याओं, विवाह, जन्मदिन समारोहों आदि में लाउडस्पीकरों का प्रयोग होता है जो ध्वनि प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण है। जैन दृष्टिकोण इसका विरोध करता है। जैनागम शब्द संयम पर बल देता है। इसके अनुसार शब्द पुद्गल है। जीव शब्द पुद्गल का भोग - उपभोग करता है। इसके इस भोग-उपभोग पर नियंत्रण आवश्यक है। जैनधर्म वचनगुक्ति, भाषासमिति की बात करता है, जो शब्द नियंत्रण पर बल देते हैं। श्रावकाचार का पालक मौन का महत्व समझता है, वह उस स्थान पर रहना पसंद करता है, जहाँ ध्वनि प्रदूषण कम हो, साथ ही वह स्वयं ऐसे कार्य करता है, जो ध्वनि #प्रदूषण पर नियंत्रण रखते हैं। संदर्भ 1. वेबस्टर शब्दकोश । 2. हरस्कोविट्स एम. जे. मैन एण्ड हिज वर्क्स, यू. एस. ए., 1956. 3. Macmilan Dictionary. 4. पर्यावरण भूगोल : प्रो. साविन्द्र सिंह | 5. पर्यावरण व प्रदूषण : डॉ. रघुवंशी, पृष्ठ 65. 6. तत्वार्थसूत्र, 10/2. 7. 8. 9. 10. प्रश्नोत्तर श्रावकाचार 12/105-106. 11. धर्मोपदेशपीयूष पर्व श्रावकाचार, 4 / 90. 12. सागर धर्मामृत, 5/22-24. 13. प्रश्नोत्तर श्रावकाचार, 3 / 118. वही, 1/1. वही, 5/21. सागारधर्मामृत, 4/6-7. 14. मूल आराधना, 15/321-323. 15. व्याख्याप्रज्ञप्ति, पृष्ठ 105. 16. प्रश्नव्याकरण सूत्र, पृष्ठ 20. 17. तत्वार्थवार्तिक, 2 / 13. 18. षट्खण्डागम, 2/18-19. Jain Education International 283 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012064
Book TitlePrakrit Jainshastra aur Ahimsa Shodh Samsthan Vaishali Swarna Jayanti Gaurav Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRushabhchand Jain
PublisherPrakrit Jainshastra aur Ahimsa Shodh Samsthan Vaishali
Publication Year2010
Total Pages520
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size13 MB
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