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आधुनिक युग में भगवान महावीर के जीवन-मूल्यों की प्रासंगिकता
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गया है तथा हम सम्प्रदायों में बंट गए हैं। भारत में एक करोड़ से अधिक जैन हैं पर सरकारी आंकड़ों के अनुसार हम मात्र 42 लाख हैं। अतः हम एक सूत्र म
मात्र 42 लाख हैं। अतः हमें एक सूत्र में गुम्फित होने की आवश्यकता है।
___ आज युग का तकाजा है कि हम नई पीढ़ी को एवं राजनीतिज्ञों को जैन धर्म के सार्वभौमिक सिद्धांतों से परिचित कराएं। वैश्वीकरण के इस युग में टी. वी. और इंटरनेट द्वारा जो पाश्चात्य प्रभाव नई पीढ़ी पर पड़ रहा है, उनकी विकृतियों को दूर कर जैन संस्कारों की स्थापना करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। भगवान महावीर ने उपदेशों द्वारा मानव को मैत्रीपूर्ण, नैतिक और प्रामाणिक जीवन जीने का जो मार्ग बताया था उसे प्रचारित करने की आवश्यकता है। उसका पालन करने से व्यक्तिगत जीवन का विकास तथा समाज एवं विश्व में शान्ति की स्थापना हो सकती है।
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