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स्व: मोहनलाल बाठिया स्मृति ग्रन्थ
निस्वार्थ साहित्यसेवी
स्व. श्री मोहनलाल बांठिया ने सम्पूर्ण जीवन जैन दर्शन की गहराइयों का अनुसंधान करने में तथा अपनी निष्पत्ति को जैनेतर समाज के सामने प्रस्तुत करने के विभिन्न उपक्रमों में लगा दिया। वे उच्च कोटि के अध्येता एवं अनुसंधान परक दृष्टि के धनी थे।
मेरा स्वर्गीय बांठियाजी से निकटता का संबंध रहा। मैंने उनमें तेरापंथ धर्मसंघ के सिद्धान्तों एवं जैन दर्शन को जन जन तक पहुंचाने की विलक्षण लगन एवं तड़प देखी वह सबके लिए अनुकरणीय है।
तेरापंथ धर्मसंघ की विभिन्न राष्ट्रीय संस्थाओं के उदभव एवं विकास में उनकी सक्रिय सहभागिता थी। जिसको कभी भुलाया नहीं जा सकता है। जैन समाज के लिए की गई उनकी निःस्वार्थ सेवा सबके लिए अनुकरणीय है।
- उत्तमचन्द सेठिया, जयपुर, अध्यक्ष, श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, मोमासर
प्रतिभा के धनी
स्व. श्री मोहनलालजी बांठिया - एक प्रतिभाशाली व्यक्ति थे। आपने जैन धर्म के बहुत विषयों पर शोध किया है वो जानने योग्य है। आप तेरापंथ धर्मसंघ के प्रमुख व्यक्तियों में एक थे।
- भंवरलाल डागलिया
मुम्बई
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