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स्पष्टवादी व्यक्तित्व
श्रीमान दिवंगत मोहनलालजी बांठिया उन इने गिने व्यक्तियों में आते हैं, जिन्हें जैन धर्म व दर्शन का प्रगाढ़ ज्ञान था। उनसे मेरा सम्पर्क सुमधुर था । न जाने उनकी स्पष्टवादिता मुझे क्यों अच्छी लगती थी कि मैं उनसे काफी आकृष्ट हुआ। जब भी समिति की बैठक होती या यों ही मुझे बुलाते, मैं उनके पास जाता और जैन तत्वों को समझने की चेष्टा करता। वे समाज में आयी विभ्रान्त धारणाओं के विरुद्ध लड़ते रहे और बिना लगाव के शोध कार्य व लेखन-गठन में लगे रहे। मुझे वे काफी प्यार करते थे और आतिथ्य सत्कार कभी नहीं भूलते थे। उनकी सरलता व स्पष्टवादिता मुझे लुभाती रही और एक दिन वे इहलोक को छोड़ विदा हुए। काल सबका भक्षण करता है - उस पर विजयी वही होता है जो कुछ वह अपने व्यवहारसे औरों को प्रभावित कर सके । मोहनलालजी ऐसे व्यक्तियों में एक
थे ।
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प्रेरक प्रसून
- मुनिचन्द भण्डारी संयोजक, भारतनिर्माण, कलकता
देदीप्यमान व्यक्तित्व
स्व. बांठियाजी के प्रति लिखने के लिए लिखा। लेकिन उनके बारे में लिखना मेरे जैसे तुच्छ व्यक्ति के लिए सम्भव नहीं है। जैन जगत के दैदीप्यमान सितारे थे। मुझे उनके नेतृत्व में काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था । मेरे लिए बहुत गौरव की बात थी । जैन जगत में स्व. बांठियाजी का अपने आप में विलक्षण व्यक्तित्व था ।
गनेशल चिन्डालिया जयपुर
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