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________________ २६ ] (ii) ऐतिहासिक इमारतों के समीप महावीर वाणी के शिलालेख लगवाना (इस संबन्ध में भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग से लिखा पढ़ी चल रही है।) फिरोजाबाद (१) सेठ छदामीलाल जैन ट्रष्ट द्वारा भगवान बाहुबलि स्वामी की ४५ फीट ऊँची १३० टन वजन की भव्य मूर्ति, जिसका निर्माण कारकल में कराया गया है, की स्थापना भगवान महावीर जिनालय फिरोजाबाद में की गई। (२) "जैन संगठन" फिरोजाबाद द्वारा एक 'बरी-पापड़ योजना प्रारम्भ की गई है जिसके द्वारा अनाथ बच्चों व साधनहीन विधवाओं की जीविकोपार्जन की व्यवस्था का प्रयास किया जाता है। (३) "जैन संगठन" द्वारा एक जैन डाइरेक्टरी प्रकाशित की जा रही हैं। नगर में लगभग एक दर्जन शिक्षा तथा अन्य धर्मार्थ जैन संस्थाएं पहले से ही विद्यमान हैं। इटावा अध्यक्ष प्रेमचन्द जैन (१) ११ नवम्बर १९७५ को जिला अधिकारी महोदय के सभापतित्व में एक विशाल जनसभा के आयोजन से निर्वाण महोत्सव वर्ष के कार्यक्रमों का शुभारम्भ किया गया। प्रत्येक तहसील स्तर पर निर्वाण समारोह समितियों का गठन किया गया । १४ नवम्बर को जनपद के विद्यालयों में प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया तथा जैन विद्वानों ने विद्यालयों में जाकर भगवान महावीर के सिद्धान्तों पर प्रकाश डालते हुए शाकाहारी बनने के लाभों से छात्रों को अवगत कराया। भगवान के जन्म, दीक्षा, देशना एवं निर्वाण दिवसों को बड़े उल्लास पूर्वक मनाया गया । (२) दिसम्बर १९७५ में इटावा में हुई प्रदर्शनी में म० महावीर के दिव्य उपदेशों का प्रचार किया गया, जैन कवि सम्मेलन तथा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विजेताओं को जिलाधीश महोदय ने पुरस्कार वितरित किये। (३) इटावा नगर के निकट प्राचीन जैन तपोभूमि निशियां जी, जहां कुछ समय पूर्व खुदाई में तीन जैन स्तूप, सम्वत् १०५० का शिलालेख तथा एक अतिप्राचीन भ० पार्श्वनाथ की प्रतियां प्राप्त हुई थी, को एक रम्य वनस्थली के रूप में विकसित किया जा रहा है। एटा (१) जिला अधिकारी श्री अखंड प्रतापसिंह की अध्यक्षता में अवागढ़ में पंच कल्याणक महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला प्रशासन के द्वारा एक कृषि-औद्योगिक प्रदर्शनी भी लगाई गई। (२) पाक्षिक पत्न "करुणादीप" के माध्यम से अहिंसा का प्रचार किया गया तथा लगभग ३०,००० व्यक्तियों से चर्म वस्तुओं के त्याग के प्रतिज्ञा पत्र भरवाये गये । (३) एटा में एक दातव्य औषधालय की स्थापना का निश्चय किया गया। मैनपुरी जौहरीनगर में इसी उपलक्ष में ला० श्यामलाल जियालाल जैन ने एक कीर्तिस्तम्भ निर्माण कराया है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012057
Book TitleBhagavana Mahavira Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJyoti Prasad Jain
PublisherMahavir Nirvan Samiti Lakhnou
Publication Year1975
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size16 MB
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