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ख -७
[ २७ बाराबंकी
संरक्षक-श्री आर. एस. टोलिया, जिला अधिकारी अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ वर्मा, अति. जिला अधिकारी
(१) बाराबंकी व गणेशपुर में महावीर जैन विद्यालयों की स्थापना की गई। टिकैतनगर व दरियाबाद में स्थापित विद्यालयों को दसवीं कक्षा तक बढ़ाकर मान्यता प्राप्त की गई।
(२) बाराबंकी नगर में रेलवे स्टेशन से राजकीय अस्पताल तक मुख्य मार्ग का तथा फतेहपुर में प्रमुख मार्ग का नामकरण 'भगवान महावीर मार्ग" किया गया ।
(३) बाराबंकी, गनेशपुर व टिकैतनगर में दातव्य औषधालयों की स्थापना की गई।
(४) बाराबंकी नगर में भगवान महावीर २५०० वां निर्वाण स्मारक भवन का रु. १०,००० की लागत से निर्माण कराया गया ।
(५) भगवान नेमिनाथ स्वामी के अतिशय तीर्वक्षेत्र त्रिलोकपुर की बिन्दौरा से ८ कि. मी. लम्बी कच्ची सड़क राज्य सरकार द्वारा पक्की कराई जा रही है तथा उस मार्ग का नाम "भगवान नेमिनाथ मार्ग" रखने का निर्णय ले लिया गया है। बिजनौर
अध्यक्ष-श्री अशरफ अली खां, जिला अधिकारी
(१) बिजनौर में संगमरमर के एक १८ फिट ऊँचे कीर्ति-स्तम्भ का कलक्टरी के द्वार पर, राज्य समिति के आर्थिक सहयोग से, निर्माण कराया गया।
(२) एक दातव्य होम्योपैथिक चिकित्सालय की स्थापना की गई। मेरठ
अध्यक्ष-श्री भोलानाथ तिवारी, आइ. ए. एस., जिला अधिकारी
(१) हस्तिनापुर में एक कीत्ति स्तम्भ, एक जल मन्दिर, जम्बूद्वीप की विशाल रचना, भगवान बाहुबलि की विशाल मति की स्थापना, २४ तीर्थंकरों की टोंक व एक महावीर वाटिका के निर्माण कार्य लगभग रु० १३,५०,००० की लागत से प्रारम्भ किए गए।
(२) मेरठ में स्थापित वीर निर्वाण भारती द्वारा देश के लब्ध प्रतिष्ठित ३० विद्वानों को पुरस्कृत किया गया तथा प्रत्येक विद्वान को रु० २५०० की धनराशि भेंट की गई। एक पुरस्कार कार्यक्रम में भारत के उपराष्ट्रपति श्री बी० डी० जत्ती ने पधार कर पुरस्कार प्रदान किए।
(३) मेरठ नगर के प्रमुख मार्ग रेलवे रोड का नाम तीर्थंकर महावीर मार्ग रखा गया। (४) विभिन्न स्थानों पर भगवान महावीर की सूक्तियों को प्रस्तर खंडों पर अंकित कर के लगाया गया।
(५) मेरठ से धर्मचक्र की योजना का सूत्रपात किया गया तथा एक धर्मचक्र का निर्माण कराया गया जिसका उद्घाटन प्रधान मंत्री जी ने १९७४ में दिल्ली में किया ।
(६) अप्रैल १९७५ में नौचन्दी के मेले में जैन चित्रकला एवं मूर्तिकला पर महावीर विचार विहार नामक प्रदर्शनी लगाई गई। फरवरी १९७५ में एक जैन मेले का भी आयोजन किया गया जो एक सप्ताह पर्यन्त चला।
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