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मूलाचार में वर्णित आचार-नियम : श्वेताम्बर आगम साहित्य के परिप्रेक्ष्य में
सन्दर्भ-ग्रन्थ
मूलाचार (दो भागों में) प्रकाशन -- माणिकचन्द्र दिगम्बर जैनग्रन्थ माला समिति, हीराबाग, गिरगाव, बम्बई।
पंचय महव्वयाइं समिदीओ पंच जिणवरुद्दिट्ठा। पंचेविंदियरोहा छप्पि य आवासया लोचो।। अच्चेलकमण्हाणं खिदिसयणमदंतधसणं चेव ठिदिभोजणेयभत्तं मूलगुणा अट्टवीसा दु।।
- मूलाचार, 1/2-3 समवायांग, समवाय, 27सूत्र 178 3. जीवणिबद्धाबद्धा परिगहा जीवसंभवा चेव। तेसिं सक्कच्यागो इयरम्हि य णिम्मओऽसंगो।।
- मूलाचार, 1/9 4. सुत्तापाहुड़, 23 5. पइण्णयसुत्ताई,
महावीर विद्यालय, बम्बई आराहणाणिज्जुत्ती मरणविभत्ती य संगहत्थुदिओ। पच्चक्खाणावासयधम्मकाहाओ य एरिसओ।।
- मूलाचार, 5/82 वही, 4/125 उत्तराध्ययनसूत्र, 26/2-4
मूलाचार, 10/18 10. वही, भाग 2, पृ. 105 11. वही, 10/105 12. वही, 10/68-73 13. वही, 5/80 14. वही, 2/85 15. देखें-- प्रकीर्णक-चन्दयवेज्झ, 16. शाकटायनव्याकरणम्,
- भारतीय ज्ञानपीठ, प्रकाशन, परिशिष्ट, पू 121-127
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