________________
का योग है भी या नहीं। घाघ को छोड़कर सारे ज्योतिषियों ने का वचन ही प्रमाण है। आगे आने वाले २४ घंटे का इन्तजार ज्योतिष के पन्ने देखकर बतलाया कि तीन वर्ष तक इस प्रान्त किया जाय। सभा विसर्जित हो गई। सभी अगले पल का में पानी का योग नहीं है। राजा भोज बहुत निराश हुए, उन्होंने इन्तजार करने लगे। घाघ भी अपने शयन कक्ष में बादलों की घाघ से भी पूछा। अब तक घाघ चुपचाप बैठे थे। उन्हें अपनी ओर दृष्टि गड़ाए सो गए। रात्रि की प्रथम पहर बीत जाने तक ज्योतिष की गणना के अनुसार वर्षा का योग दिखलाई दे रहा आकाश एकदम साफ था। लेकिन रात्रि की १० बजे बाद बादल था। पर जब सारे ज्योतिषी मना कर रहे थे तब वे भी विचार की एक टुकड़ी दिखलाई दी और कुछ ही देर में रिमझिम में पड़ गए और एक बार फिर अपना ज्योतिष मिलाने लगे। रिमझिम वर्षा होने लगी। कुछ और समय बीत जाने के बाद तो उन्होंने कहा ज्योतिष के अनुसार तो योग है। पर जब सब मना घनघोर बादल छा गए, बिजलियाँ चमकने लगी। बादल गर्जने कर रहे थे तो अपनी बात को पुष्ट करने के लिए वर्षा से लगे और मूसलाधार वर्षा हुई। मानो जल-थल एकाकार हो गया। सम्बन्धित पशु-पक्षियों की चाल भी देख लेना चाहिये। यही सब सभी लोग घाघ के वाक्य से आश्चर्य चकित थे। सबेरा होतेसोचकर घाघ ज्योतिषी ने राजा को कहा- राजन, इस प्रश्न का होते तो घाघ के मकान के सामने भारी भीड़ एकत्रित हो गई। जबाब कल दूंगा। राजा मान गए- उन्होंने एक दिन का समय दे सभी घाघ की जय-जयकार कर रहे थे। सभी को घाघ की वाणी दिया।
पर अचूक विश्वास हो गया था। राजा भोज ने घाघ की ज्योतिषी घाघ जंगल में गए। वहाँ पर उन्होंने एक गधे को देखा। की सर्वोच्च उपाधि से विभूषित किया। अब तो ईर्ष्यालु भी घाघ जिसके कान लटके हुए थे। वे कुछ और आगे बढे तो देखा का लोहा मान गए। चिंटियों के दल के दल मुंह में अन्न के दाने लिए बिलों के भीतर ज्योतिषी घाघ को लगा कि महत्तर की लड़की भडरी यद्यपि भाग रहे हैं। चिड़िया धूल-मिट्टी में स्नान कर रही है। वह सब निम्न कुलोत्पन्न है फिर भी बाहर के संकेतों से होने वाली उन्हें आसन्न निकट में ही वर्षा होने का संकेत दे रहे थे और आगे घटनाओं का उसे अद्भुत ज्ञान है। जानकारी करने पर पता चला बढ़ने पर देखा कि आकाश में चीलों का एक समूह वृताकार- उसे शकुन-अपशकुन आदि अनेक बातों का भी जबर्दस्त ज्ञान गोलाकार ऊपर उठता हुआ जा रहा था। यह सब वर्षा के योग है। घाघ ने सोचा- कीचड़ में भी कमल खिला है और पत्थरों की सूचना दे रहे थे। घाघ और आगे बढ़े। उन्हें एक नाला दिखाई में हीरा मिल रहा है उसे उठा लेना चाहिये। क्यों न भड्डरी से दिया। जिसके इस पार एक महत्तर-हरिजन की लड़की अपने शादी ही कर ली जाए। शकुन आदि देखने में उसका भारी पशु चरा रही थी और दूसरी पार उसके पिता सुअरों को चरा सहयोग मिलेगा। घाघ ने भड्डरी की मांग उसके पिता से की। रहे थे। लड़की ने पुकारा बापा बापा! जल्दी लौट आ, आज रात पहले तो उन्होंने मना कर दिया। परन्तु बार-बार मांग करने पर को बड़े जोर से पानी आने वाला है। उसके बाद नाले में पानी उन्होंने अपनी पंचायत बुलाकर यह बात रखी। तब पंचायत में भर जाने पर सुअर नाला पार नहीं कर पाएंगे। तब उसके बापा लोगों ने घाघ से कहा कि भड्डरी से शादी करने पर तुम्हें ब्राह्मण ने पूछा, यह तुम्हें कैसे मालूम हुआ?
समाज से निकाल दे, यही नहीं राजा, राज ज्योतिष का पद लड़की बोली बापा! नाले में टिटहरी ने अंडे दे रखे हैं। वह
वापस ले ले तो भी तो आप भड्डरी को नहीं त्याग सकोगे। घाघ घबराई हुई है और जोरों से आवाज करती हुई अंडों को उठाकर
ने यह बात मंजूर की तब भड्डरी का विवाह उसके साथ कर दिया दूसरी जगह सुरक्षित स्थान पर रख रही है। इससे स्पष्ट हो रहा
गया। उन दोनों से मिलकर जो सन्तान पैदा हुई, वह डाकोत है कि वर्षा जल्दी ही आज रात तक आ जाने वाली है। लड़की
__ कहलाई। कहा जाता है कि आज डाकोत जाति के लोग घाघ का नाम था भडुरी! उसके इस विश्लेषण को सुनकर घाघ ज्योतिषी अवाक् रह गए। उन्हें वर्षा आने का पक्का विश्वास इसके साथ ही शरीर के बाहरी आकार भी भीतरी संकेतों हो गया और वे तुरन्त घारा नगरी लौटे। राजसभा में राजा एवं को स्पष्ट करने वाले बनते चले जाते हैं। जिस प्रकार वाणी उपस्थित सारे ज्योतिषियों के सामने घोषणा की कि वर्षा निश्चित दुनियाँ को समझाने में काम आती है उसी प्रकार शरीर के रूप से होगी। आने वाले आठ पहर याने चौबीस घंटे में एक्शन भी लोगों को उसकी मानसिकता समझाने वाले बनते हैं। मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है। सूर्य को प्रचण्डता के साथ जिसे आज भी भाषा में बॉडी लेग्वेंज के रूप में माना जाता है। तपते हुए देखकर किसी को इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा इन्सान की बॉडी-शरीर भी एक भाषा का काम करती है। था। तब तक बादल की एक टुकड़ी भी नजर नहीं आ रही थी।
सन् १८७२ में एलबर्ट ने बतलाया कि व्यक्ति के बोलने लोगों ने पूछा इसका क्या प्रमाण है। ज्योतिषी घाघ ने कहा घाघा काप
घाघ ने कहा घाघा का प्रभाव ७ प्रतिशत पड़ता है। २८ प्रतिशत लहजे का और
० अष्टदशी / 1900
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org.