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________________ श्री मोहनलाल भंसाली श्री किशनलाल बोथरा माध्यमिक परिषद एवं उच्चतर माध्यमिक संसद से मान्यता श्री पारसमल भूरट श्री सुन्दरलाल दुगड़ दिलाने में उन्होंने जो कार्य किया, वह उनकी निष्ठा एवं सेवाश्री सोहनराज सिंघवी श्री सुरेन्द्र बांठिया भावना का परिचायक है। श्री जैन हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर श्री सुभाष बच्छावत श्री गोपालचन्द भूरा के निर्माण कार्य में जिन सेवाभावी महानुभावों का सहयोग मिला श्री विनोदचन्द कांकरिया श्री शान्तिलाल डागा . है, उनमें श्री सुशील डागा, श्री पुखराज कोठारी एवं श्री कवल श्री कमलसिंह कोठारी श्री कन्हैयालाल लूणिया देव के सहयोग का उल्लेख करना भी अन्यथा न होगा। श्री किशोर कोठारी श्री अरुण मालू सभा का यह सेवा रथ द्रुतगति से आगे बढ़ रहा था कि श्री सोहनलाल गोलछा भारत की आजादी का स्वर्ण जयंती वर्ष आ पहुंचा। अनेक बलिदानों, कष्ट-कठिनाइयों से प्राप्त आजादी की स्वर्ण जयन्ती सभा के द्वारा हालांकि शिक्षा के क्षेत्र में श्री जैन विद्यालय, की यह बेला कोटि-कोटि जनमानस को प्रफुल्लित कर रही थी हावड़ा की स्थापना करने के बाद भी ऐसा अनुभव हो रहा था। और शहीदों की याद में नतमस्तक भी। ऐसे महत्वपूर्ण क्षण में कि अभी और विद्यालयों की स्थापना की नितान्त आवश्यकता दिनांक १४ अगस्त, १९९७ को आजादी के स्वर्ण जयंती के है। इस दृष्टि से दक्षिण कलकत्ता के चक्रबेरिया रोड पर समस्त पूर्व दिवस पर हास्पिटल परिसर में श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ की संसाधनों से युक्त एक विद्यालय के निर्माण हेतु जमीन क्रय भव्य प्रतिमा की प्रतिष्ठा सभा के निष्पही सेवाभावी उपाध्यक्ष श्री करने के लिए अग्रिम धनराशि जमीन के मालिक को दी गई। बच्छराज अभाणी के परिवार के सहयोग से की गई। प्रतिष्ठा विश्वास है कि निकट भविष्य में ही भवन निर्माण का कार्य विधिपूर्वक कराने का भार उठाया प्रसिद्ध समाजसेवी श्री प्रारम्भ हो जाएगा। ज्ञानचन्द लूणावत ने। कलकत्ता उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश श्री १५ अगस्त १९९७ आजादी का स्वर्ण जयन्ती दिवस के० सी० अग्रवाल का स्थानान्तरण होने के कारण सभा की भारतीय इतिहास का एक अनमोल दिवस। अस्पताल का निर्माण ओर से १३ जनवरी'९६ को श्री जैन विद्यालय, कलकत्ता में कार्य लगभग समाप्ति पर था और परिसर में श्री चिन्तामणि बिदाई समारोह का आयोजन किया गया और उन्हें भावभीनी पार्श्वनाथ की प्रतिमा की प्रतिष्ठा भी हो गई थी। अत: ऐसे शुभ बिदाई दी गई। एवं पावन दिवस पर श्री हरखचन्द कांकरिया आउटडोर विभाग सभा ने ग्रामांचलों में शिक्षा विस्तार की योजना के । के उद्घाटन का समारोह आयोजित किया गया। वस्तुत: मानव अन्तर्गत डायमंड हारबर के पास सागरमाधोपुर गांव में नये । सेवा का यह अप्रतिम प्रकल्प ऐसे शुभ दिवस पर लोकार्पित विद्यालय की नींव रखी और एक गहन नलकूप जो ११०० किया जा रहा था जो जन-जन के हृदय पटल पर सदैव अंकित फुट नीचे तक गया है, का उद्घाटन किया श्रीमती करुणा रहेगा। यह उद्घाटन समारोह प० बं० सरकार के वरिष्ठ मंत्री बांठिया ने। नक्सलबाड़ी गांव में भी ऐसे ही विद्यालय के निर्माण श्री सुभाष चक्रवर्ती, श्री प्रलय तालुकदार, हावड़ा नगर निगम के की आधारशिला रखी गई। अध्यक्ष श्री स्वदेशी चक्रवर्ती, प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता श्री श्री जैन विद्यालय, कलकत्ता के भूगोल के वरिष्ठ व्याखाता बादल बोस एवं श्री नरेश दासगुप्ता के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ। श्री जयराम सिंह की अभी एक वर्ष पूर्व ही श्री जैन विद्यालय जिसमें समस्त जैन समाज की जानी-मानी हस्तियां, दानदाता एवं फॉर ब्वायज, हावड़ा के प्रधानाध्याक पद पर नियुक्ति की गई सभा के कार्यकर्तागण अपनी समुपस्थिति से इस समारोह को थी एवं उनके सतत् मार्ग निर्देशन में यह विद्यालय आगे बढ़ रहा । भव्यता प्रदान कर रहे थे। इस विभाग का उद्घाटन किया इसके था कि दैवयोग से स्वल्प बीमारी के बाद उनका देहावसान हो अर्थसहयोगी, लब्धप्रतिष्ठ उद्योगपति एवं समाजसेवी श्री हरखचंद गया। यह एक अत्यन्त मार्मिक घटना थी एवं अनपेक्षित भी। कांकरिया ने अपने कर कमलों से। इस अवसर पर दीप सभा और विद्यालय ने हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित कर स्वर्गस्थ प्रज्ज्वलित किया हावड़ा नगर निगम के अध्यक्ष श्री स्वदेश आत्मा की चिर-शान्ति की कामना की। चक्रवर्ती ने। इसी अवसर पर एक्स-रे, पैथोलोजी, सोनोग्राफी श्री जैन हास्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर का कार्य द्रुतगति से आदि विभागों का भी लोकार्पण किया गया। आगे बढ़ रहा था। इसमें कार्यकर्ताओं एवं दानदाताओं का दिसम्बर सन् ९७ की साधारण बैठक में सभा की सहयोग तो उल्लेखनीय है ही, श्री राधेश्याम मिश्र का अथक श्रम कार्यकारिणी समिति के जो चुनाव सम्पन्न हुए, वह निम्न प्रकार भी नितान्त प्रशंसनीय है। श्री जैन विद्यालय, हावड़ा को ० अष्टदशी / 240 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012049
Book TitleAshtdashi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupraj Jain
PublisherShwetambar Sthanakwasi Jain Sabha Kolkatta
Publication Year2008
Total Pages342
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size22 MB
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